नई दिल्ली, (राज लक्ष्मी मल्ल) : भारतीय रेलवे ने कैटरिंग पर उठ रहे सवालों के जवाब में बुधवार से ट्रेनों में वैकल्पिक कैटरिंग व्यवस्था लागू कर दी है. यह व्यवस्था अभी गिने-चुने कुछ ही ट्रेनों में शुरू की गई हैं. उन ट्रेनों में 7 राजधानी, 6 शताब्दी और 5 दूरंतो ट्रेनों शामिल है. इन ट्रेनों में यात्रियों को टिकट बुकिंग के टाइम ऑप्शन सेलेक्ट करना होगा कि उन्हें खाना चाहिए या नहीं. अगर यात्री कैटरिंग सर्विस का सिलेक्शन नही करते हैं तो टिकट में कैटरिंग का शुल्क नहीं जोड़ा जाएगा.

बता दें कि रेलवे ने खानपान सेवाओं में सुधार के लिए तीन हफ्ते का निरीक्षण अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत 88 ट्रेनों तथा 100 फास्ट फूड ज्वाइंट्स में खानपान सेवाओं का थर्ड पार्टी ऑडिट कराया जाएगा.

खाने को लेकर कैग की रिपोर्ट तथा यात्रियों की शिकायतों के मद्देनजर दोषी ठेकेदार के खिलाफ कड़ी करवाई की जा रही है. इस साल ठेकों को लेकर बोर्ड ने शक्ति दिखाते हुए चालू वर्ष में जनवरी से जून तक छह महीनों में ही 12 ठेके रद किए जा चुके हैं. जिनकी अवधि 2019 तक थी.

जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले ही CAG ने अपनी रिपोर्ट में रेलवे के खानों में बहुत सारी कमिया सभा में पेश की थी. ठीक उसके बाद ही हावड़ा से दिल्ली आ रही एक ट्रेन में परोसे गए वेज बिरयानी में छिपकली मिलने के बाद लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर जा पहुंचा. इन सब नतीजों को देखते हुए रेल मंत्रालय ने बुधवार को कैटरर का ठेका रद कर दिया.

रेलवे मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि भोजन की खराब गुणवत्ता और अधिक रुपए लिए जाने के कारण हावड़ा-नई दिल्ली पूर्वा एक्सप्रेस के लिए कैटरिंग ठेकेदार आर के एसोसिएट्स का ठेका रद कर दिया.

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