भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर नई-नई तकनीक की सुविधा और अपने नियमों में बदलव भी करता रहता है. ऐसे में रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और समय को ध्यान में रखते हुए ई-बुकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई. बाद में रेलवे में कुछ जरूरतमंदों का ख्याल रखते हुए तत्काल सेवा की सुविधा भी देना शुरू कर दी. लेकिन कुछ लोग इस सुविधा को अपने काली कमाई का जरिया बना लिया है.
लेकिन अब रेलवे ने फिर से तत्काल टिकट बुकिंग के नियमों में बदलाव कर हो रहे काली कमाई और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई है. जी हां, कुछ दलालों के वजह से तत्काल टिकट लेने वाले जरुरत मंदों को टिकट नहीं मिल पता है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि अब रेलवे ने अपने नियमों में बदलाव कर दलालों की दुकान बंद कर दिया है, तो आइए जानते हैं वर्तमान में तत्काल टिकट बुकिंग का नियम अब क्या है-
- नॉन-एसी टिकटों की बुकिंग इसके एक घंटे बाद यानी 11 बजे से शुरू होती है, जबकि एसी क्लास की टिकटों की तत्काल बुकिंग यात्रा तिथि से एक दिन पहले सुबह 10 बजे से होती है.
- बुकिंग शुरू होने के आधे घंटे तक अधिकृत एजेंट तत्काल टिकट नहीं बुक कर सकते हैं.
- सिंगल यूजर आईडी से एक दिन में सिर्फ 2 तत्काल टिकट बुक किए जा सकते हैं.
- एक आईपी अड्रेस से भी अधिकतम 2 तत्काल टिकट बुक हो सकते हैं.
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- नए नियमों के तहत कुछ शर्तों के साथ तत्काल टिकट पर 100 प्रतिशत तक रिफंड ले सकते हैं.
- ट्रेन के शुरुआती स्टेशन पर 2 घंटे लेट होने, रूट बदलने, बोर्डिंग स्टेशन से ट्रेन के नहीं जाने और कोच डैमेज होने या बुक टिकट वाली श्रेणी में यात्रा की सुविधा नहीं मिलने पर आप 100 प्रतिशत रीफंड मिल सकता है.
- रेलवे ने रजिस्ट्रेशन, लॉग इन और बुकिंग पेजों पर कैप्चा कोड की व्यवस्था की है. यह इसलिए किया गया है ताकि किसी ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर के जरिए फर्जीवाड़ा करके कोई टिकट बुक न किया जा सके.
- इंटरनेट बैंकिंग के सभी पेमेंट ऑप्शंस के लिए OTP यानी वन टाइम पासवर्ड की एंट्री की व्यवस्था की गई है.