भारतीय नौसेना ने स्कॉर्पीन श्रेणी की तीसरी पनडुब्बी आईएनएस करंज को पानी में उतार दिया है. इस क्लास की पहली पनडुब्बी कलवरी को पिछले महीने ही नौसेना में शामिल किया गया था. दूसरी पनडुब्बी खंदेरी का अभी ट्रायल चल रहा है. मुंबई के मझगांव डॉक पर आईएनएस करंज को नौसेना में शामिल किया गया. लॉन्चिंग के मौके पर नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा भी मौजूद थे.
मझगांव डॉकयार्ड ने मेक इन इंडिया के तहत फ्रांस के सहयोग से इस पनडुब्बी का निर्माण किया हैं. आधुनिक तकनीक वाली आईएनएस करंज अपनी कम आवाज से दुश्मन के जहाज को चकमा देने में माहिर है. इसमें तारपीडो जैसे हथियार लगे हैं, जो दुश्मन के जहाज या पनडुब्बी को मार गिराने में सक्षम हैं. साथ ही इसमें दुश्मन के इलाके की निगरानी के लिए भी यंत्र लगे हुए हैं. यह पनडुब्बी रडार की पकड़ में नहीं आ सकती. यह समंदर से जमीन पर और पानी के अंदर से सतह पर हमला करने में सक्षम है.
67.5 मीटर लंबी, 12.3 मीटर ऊंची और 1565 टन वजन वाली आईएनएस करंज में ऑक्सीजन भी बनाया जा सकता है. युद्ध की स्थिति में यह दुश्मन के क्षेत्र से चकमा देकर निकलने में सक्षम है. इसके अत्याधुनिक तकनीक और सटीक निशाने चीन और पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं. गौरतलब है कि नौसेना के पास दर्जन भर ही पनडुब्बियां हैं, उनमें से भी कई अपनी ज़िंदगी पूरी कर चुके हैं और उन्हें किसी भी तरह अपग्रेड कर काम चलाया जा रहा है. इधर हिन्द महासागर में चुनातियां लगातार बढ़ती जा रही हैं. इसलिए समुद्र में भारत की सामरिक शक्ति के लिहाज से आईएनएस करंज महत्वपूर्ण है.