नई दिल्ली : इंडियन आर्मी और एयर फोर्स के बीच एक बार फिर मिनी एयर फोस की मांग को लेकर तकरार की स्थिति पैदा हो गई है. आर्मी अपने लिए मिनी एयर फोर्स की मांग पहले भी कर चुकी है. आर्मी चॉपरों के साथ तीन स्न्वाड्रन चाहती है ताकि दुश्मनों के इलाके में बख्तरबंद दस्तों को तुरंत भेजा जा सके. आर्मी इसके लिए अमेरिका से 11 अपाचे हेलिकॉप्टर खरीद के लिए सरकार को मनाने के प्रयास में लगी है. वहीं वायु सेना इस मांग का कड़ा विरोध कर चुकी है. जानकारी मिली है कि रक्षामंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में होनेवाली डीएसी की बैठक में इस खरीद पर विचार किया जा सकता है. आर्मी यह रक्षा सौदा जल्दी करना चाहती है क्योंकि नियमतः 28 सितंबर तक ही ऑर्डर दिया जा सकता है.
इसके तहत जुलाई 2019 से भारतीय वायु सेना को 22 अपाचे हेलिकॉप्टर की आपूर्ति होनी है. आर्मी ने इन अपाचे हेलिकॉप्टर की खरीद के दौरान भी इस पर मालिकाना हक की मांग की थी. अपाचे की खासियत यह है कि ये मशीनगनों से युक्त होते हैं, जिसके कारण दुश्मन के इलाकों पर हवा से चौतरफा हमला किया जा सकता है.
आर्मी का कहना है कि त्वरित सेना की तैनाती के लिए इन हेलिकॉप्टर पर उसका नियंत्रण होना जरूरी है, जबकि एयर फोर्स को बड़ी सामरिक युद्ध की तैयारियों पर फोकस करना चाहिए. वहीं एयर फोर्स के अधिकारियों का कहना है कि ये हेलिकॉप्टर उसके अधीन ही रहने चाहिए. अगर आर्मी भी खुद के लिए छोटा-मोटा एयर फोर्स तैयार कर लेगी, तो उस पर व्यर्थ में संसाधन का बोझ बढ़ेगा.
अपाचे की ये हैं खूबियां
- ये हेलीकॉप्टर बिजली की गति से कहीं भी और किसी भी मौसम में हमला करने में सक्षम हैं.
- ये हेलीकॉप्टर कम उंचाई पर उड़कर भी हवाई हमला कर सकते हैं.
- ये जमीनी हमले करने में भी सक्षम हैं. ये अमेरिकी सेना के सबसे शक्तिशाली हेलीकॉप्टर हैं.
- ये हेलीकॉप्टर आईएएफ के एमआई-35 हेलिकॉप्टर की जगह लेंगे. गौरतलब है कि सेना ने 39 अपाचे हेलिकॉप्टरों की जरूरत बताई है.
- इजराइल इसी हेलीकॉप्टर की मदद से गाजा पट्टी में अपने दुश्मनों पर कहर ढाती रही है.
- इस हेलीकॉप्टर में 30 एमएम गन लगी हुई है, जो किसी भी निशाने पर हमला कर सकती है.