नई दिल्ली (ब्यूरो, चौथी दुनिया) गुजरात दौरे पर गए पीएम मोदी ने एक बार फिर गौ-हत्या को लेकर लकीर खींच दी। पीएम मोदी बोले ने कहा कि गौरक्षा के नाम पर लोगों की हत्या करना गलत है। हमारी भूमि अहिंसा सिखाती है। हमारी भूमि महात्मा गांधी की भूमि है। हमे यह नहीं भूलना चाहिए। पीएम मोदी भले ही गो-हत्या को लेकर बड़े बड़े वादे कर लें। लेकिन कड़वी हकीकत ये है कि उनकी सरकार में गो-हत्या के मामले बढ़े हैं। इंडिया स्पेंड नाम की संस्था ने की रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार

साल 2010 के बाद से गो-हत्या के मामलों में मुसलमानों पर हिंसा के मामलों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। ऐसे 86 प्रतिशत मामले दर्ज किए मोदी सरकार के आने के बाद से अब तक मुस्लिमों पर हुए हिंसा के मामलों में 52 फीसदी मामले तो सिर्फ अफवाहों पर ही आधारित थे। ये रिपोर्ट 25 जून 2017 तक दर्ज तक के मामलों पर आधारित है।

ऐसे करीब 63 मामलों में 32 मामले बीजेपी शासित प्रदेशों से ही सामने आए है। गौ-हत्या के मामलों में सबसे ज़्यादा केस उत्तर प्रेदश (10), हरियाणा (9), गुजरात (6), जबकि कर्नाटक, मध्य प्रदेश और दिल्ली में (4) मामले दर्ज हुए है।

इसके अलावा अखलाक हत्याकांड, राजस्थान, असम और झारखंड जैसे मुद्दों ने बीजेपी की सरकारों को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया।  हालांकि सरकार ने ऐसे मामलों पर रोक लगाने के लिए ‘पशु क्रूरता निरोधक (पशुधन बाजार नियमन) नियम, 2017’ कानून पारित किया है। लेकिन इस कानून में भी कई जगहों पर गौ-पालकों के लिए दुश्वारियां नजर आ रही हैं। जैसे कि नए नियमों के तहत खरीददार और विक्रेता को यह हलफनामा देना होगा कि मवेशियों की ख़रीद-फरोख़्त तस्करी के लिए नहीं की जा रही है।

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