नई दिल्ली : सिक्किम से जुड़ी हुई चीन सीमा पर भारी तनाव का माहौल बना हुआ है जिसे देखते हुए भारत ने डोक ला इलाके में सैनिकों की तैनाती बढ़ाई है। 1962 के बाद यह पहला मौका है जब चीन सीमा पर इतना ज्यादा तनाव हुआ है. यह तनाव का माहौल लगभग एक महीने से लगातार ऐसा बना हुआ है. पहली बार ऐसा हो रहा है, जब किसी इलाके में भारत और चीन की सेनाओं के बीच इतने लंबे वक्त तक गतिरोध बना हुआ है। डोका ला उस क्षेत्र का भारतीय नाम है, जिसे भूटान डोकलाम कहता है, जबकि चीन इसे अपने डोंगलांग क्षेत्र का हिस्सा मानता है।
जानकारी के मुताबिक़ चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा भारतीय सेना के 2 बंकरों को नष्ट करने की आक्रामक गतिविधि के बाद भारत ने ‘गैर-आक्रामक मुद्रा’ में और ज्यादा जवानों को भेजा है।
जानकारी के अनुसार कि बंकरों को हटाने को लेकर 1 जून को चीन की सेना की तरफ से दी गई चेतावनी के बाद इसकी सूचना नॉर्थ बंगाल के सुकना में स्थित 33 कोर मुख्यालय को दी गई। 6 जून की रात को चीन के 2 बुलडोजरों ने बंकरों को नष्ट कर दिया। चीन का दावा था कि यह इलाका उसका है और इस पर भारत या भूटान का कोई हक नहीं है।
वहां पर मौजूद भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों और मशीनों को इलाके में और ज्यादा नुकसान पहुंचाने या अतिक्रमण करने से रोका। 8 जून को करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित नजदीकी ब्रिगेड मुख्यालय से अतिरिक्त बल भी गतिरोध स्थल पर पहुंच गए। इस दौरान दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प भी हुई और इसमें दोनों पक्षों को मामूली चोटें भी आईं। इलाके में स्थित पीएलए की 141 डिविजन से और ज्यादा जवान मौके पर पहुंच गए, जिसके बाद भारतीय सेना ने भी अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए और ज्यादा जवानों को मौके पर बुलाया।