इस खत में धनोआ ने पक्षपात और यौन उत्पीड़न के मामलों का भी जिक्र किया है. साथ ही पत्र में कम संसाधनों का भी उल्लेख किया गया है. एयर चीफ मार्शल ने लिखा है कि वायुसेना अपने पास 42 फाइटर प्लेन दस्ते रख सकती है, लेकिन मौजूदा स्थिति में हमारे पास 33 ही मौजूद हैं. पत्र में पाकिस्तान की तरफ से लगातार चलाए जा रहे प्रॉक्सी वार का जिक्र करते हुए कहा गया है कि लगातार सेना के कैंपों पर आतंकी हमले हो रहे हैं जिस वजह से जम्मू -कश्मीर में अशांति का माहौल है.
वायुसेना प्रमुख के इस खत पर 30 मार्च का साइन है. ये खत वायु सेना प्रमुख के पद पर धनोआ की नियुक्ति के 3 महीने के बाद लिखा गया है.
गौर करने वाली बात ये है कि इससे पहले दो अन्य आर्मी चीफ ने ऐसा किया था. जनरल के एम करियप्पा ने 1 मई 1950 और जनरल के सुंदरजी ने फरवरी 1986 में इस तरह के लेटर लिखे थे. मौजूदा स्थिति में ये पत्र इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पाकिस्तान सीमा पर अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है.