अगस्टा-वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील में भारी-भरकम कमीशनखोरी की पुष्टि : भारत टटोलता रह गया इटली ने मुहर लगा दी

Sonia gandhiअगस्टा-वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील में कमीशन खोरी के आरोप-प्रत्यारोप तो लगते रहे और उस पर सियासत भी होती रही, लेकिन भारत सरकार को जांच में कुछ ठोस सबूत हासिल नहीं हो पाए. भारतीय एजेंसियां अंधेरे में टटोलती रह गईं और इटली की अदालत ने आधिकारिक तौर पर यह मान लिया कि अगस्टा-वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे में 125 करोड़ रुपये कमीशन के बतौर लिए गए थे. अदालत ने अगस्टा-वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर कंपनी के मालिक उर्सी और कंपनी फिनमेक्कैनिका को घूस देने का दोषी करार दिया है. उर्सी को साढ़े चार वर्ष कैद की सजा भी सुनाई गई है. अगस्टा-वेस्टलैंड कंपनी ने वर्ष 2010 में भारत से 3,600 करोड़ में 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों का सौदा किया था. इटली की मिलान कोर्ट ऑफ अपील्स ने माना है कि हेलिकॉप्टर डील में भ्रष्टाचार हुआ और इसमें भारतीय वायुसेना के तत्कालीन प्रमुख एयर चीफ मार्शल एसपी त्यागी भी शामिल थे. सरकार ने अब रोम स्थित भारतीय दूतावास से कोर्ट के फैसले का पूरा ब्यौरा मांगा है. यह साबित हो गया है कि हेलिकॉप्टर डील में भारतीय अफसरों को 10 से 15 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी गई थी. इटली की अदालत के 225 पृष्ठों के फैसले में अलग से 17 पृष्ठ स़िर्फ पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी के बारे में हैं.

इटली की अदालत ने यह साबित कर दिया कि तीन वर्षों तक जिस घोटाले की भारत सरकार को भनक तक नहीं लगी, उस मामले के अहम किरदार आ़िखर कौन-कौन लोग थे. अगस्टा-वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील प्रकरण का पहला किरदार क्रिश्चियन मिशेल है. ब्रिटेन निवासी मिशेल हथियारों का एजेंट है और अगस्टा-वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे में बिचौलिया था. मिशेल फिलहाल फरार है. इस मामले में दूसरा अहम किरदार अगस्टा-वेस्टलैंड की मूल कंपनी फिनमेक्कैनिका का पूर्व सीईओ जूसेप्पे उर्सी है. हेलिकॉप्टर डील में घूस देने के आरोप में उर्सी को साढ़े चार वर्ष कैद की सजा मिली है. तीसरा प्रमुख रोल ब्रूनो स्पैन्योलीनी का था. अगस्टा-वेस्टलैंड का पूर्व सीईओ ब्रूनो हेलिकॉप्टर डील मामले में ही गिरफ्तार हुआ था और उसे चार वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है. चौथे मुख्य किरदार तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हैं. फिनमेक्कैनिका के पूर्व सीईओ जूसेप्पे उर्सी ने अपने लोगों से कहा था कि वे इटली के तत्कालीन प्रधानमंत्री मारियो मोंटी या राजदूत टेरासियानो से संपर्क करें, जो उनकी तऱफ से मनमोहन सिंह से सौदे के बारे में बात कर सकते हैं.

इटली की अदालत में चली कार्यवाही में कांग्रेस और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम प्रमुखता से आया. अदालत के फैसले में चार जगह सोनिया गांधी के नाम का जिक्र है. क्रिश्चियन मिशेल ने अगस्टा-वेस्टलैंड को लिखी चिट्ठी में कहा है कि सोनिया गांधी ही नए हेलिकॉप्टर्स के पीछे असली ड्राइविंग फोर्स हैं. इस वीवीआईपी हेलिकॉप्टर डील में छठवें महत्वपूर्ण किरदार के बतौर कांग्रेस नेता एवं सोनिया गांधी परिवार के वफादार अहमद पटेल का नाम आया है. इटली की अदालत में चली कार्यवाही में अहमद पटेल का नाम तीन बार आया है. सातवें किरदार के रूप में कांग्रेस नेता एवं सोनिया के क़रीबी ऑस्कर फर्नांडीज का नाम आया है. हेलिकॉप्टर डील में बिचौलिया रहे गाइडो हेश्के ने इटली की अदालत में कहा कि ऑस्कर फर्नांडीज भी सौदे का हिस्सा थे. डील के तहत अगस्टा-वेस्टलैंड के तीन हेलिकॉप्टर भारत आ चुके थे, लेकिन विवाद के कारण तीनों हेलिकॉप्टर्स को इस्तेमाल में नहीं लाया गया.

उल्लेखनीय है कि रक्षा क्षेत्र से जुड़ी इटली की मशहूर कंपनी फिनमेक्कैनिका की सहयोगी ब्रिटिश कंपनी अगस्टा-वेस्टलैंड से यूपीए सरकार ने वर्ष 2010 में 12 हेलिकॉप्टर खरीदने का सौदा किया था. दर्जन भर हेलिकॉप्टरों के बदले 3,600 करोड़ रुपये देने का करार किया गया था. तीन हेलिकॉप्टरों की डिलीवरी भी हो गई, लेकिन आसमान में जाने से पहले ही उनकी उड़ान पर ब्रेक लग गया. 2013 में फिनमेक्कैनिका के सीईओ जूसेप्पे उर्सी को गिरफ्तार कर लिया गया. उन पर भारतीय वायुसेना से हेलिकॉप्टर सौदा तय करने के लिए घूस देने का आरोप था. इटली की पुलिस ने उर्सी की फोन बातचीत को टैप किया था, जिससे घूस कांड का खुलासा हुआ. अगस्टा-वेस्टलैंड के सीईओ ब्रूनो स्पैन्योलीनी को भी गिरफ्तार कर लिया गया. स्पैन्योलीनी की गिरफ्तारी के बाद यूपीए सरकार ने हेलिकॉप्टर खरीद पर रोक लगा दी और रक्षा मंत्री एके एंटनी ने जांच बैठा दी थी.

अगस्टा-वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील में कांग्रेस नेताओं की मिलीभगत पर इटली की अदालत द्वारा मुहर लगा देने से भारत में सियासत अचानक गर्मा गई है. लोकसभा से लेकर राज्यसभा और राजपथ से लेकर जनपथ तक इस मामले पर बहसा-बहसी और गरमा-गरमी हो रही है. बात बहादुरी में माहिर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह तो यहां तक बोल गए कि यूपीए सरकार ने ही अगस्टा वेस्टलैंड कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया था, जबकि मोदी सरकार ने कार्यभार संभालने के बाद कंपनी को प्रतिबंधित करने की औपचारिकता आगे बढ़ाई. इसी तरह राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने भी क्रिश्चियन मिशेल की लिखी चिट्ठी का हवाला देते हुए झेंप मिटाने की कोशिश की. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी कहा कि वह आरोपों से नहीं डरतीं. सोनिया कहती हैं कि इस मामले में केवल झूठ बोला जा रहा है. अगर सरकार को सच्चाई सामने लानी होती, तो दो वर्षों में जांच पूरी कर ली गई होती.

दलाली में पूर्व कांग्रेसी मंत्री का भाई भी शामिल!

हेलिकॉप्टर डील घोटाले में पूर्व केंद्रीय कोयला राज्यमंत्री संतोष बागरोडिया के भाई सतीश बागरोडिया का नाम भी आया है. सतीश बागरोडिया चंडीगढ़ की उस कंपनी में डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं, जिसने अगस्टा-वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील में रिश्वत देने के लिए पैसे लिए थे. सतीश बागरोडिया चंडीगढ़ की सॉफ्टवेयर कंपनी आईडीएस इंफोटेक के डायरेक्टर हैं. इटैलियन जांचकर्ताओं ने आईडीएस को अगस्टा-वेस्टलैंड से हुए सौदे में रिश्वत की रकम भारत पहुंचाने के लिए ज़िम्मेदार बताया है. आरोप है कि कंपनी ने फर्जी सॉफ्टवेयर और इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट बनाकर इटली की कंपनी से भारत में पैसा मंगवाया था. इटैलियन जांचकर्ताओं का मानना है कि एक मार्च 2007 को दोनों फर्मों के बीच हुआ करार दलाली की रकम भारत पहुंचाने के लिए किया गया था.

वायुसेना की पीठ में छुरा भोंका था त्यागी ने

अगस्टा-वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील मामले में इटली की अदालत ने अपने ़फैसले में यह माना है कि डील में हुए भ्रष्टाचार में भारत के तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एसपी त्यागी भी शामिल थे. वायुसेना प्रमुख रहते हुए त्यागी ने वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की अधिकतम फ्लाइंग हाइट 6,000 मीटर से घटाकर 4,500 मीटर करने की मंजूरी दे दी थी. फ्लाइंग हाइट कम करने की वजह से ही अगस्टा-वेस्टलैंड को कॉन्ट्रैक्ट मिला, लेकिन यह मंजूरी सुरक्षा मानकों के मुताबिक ग़लत और ग़ैर क़ानूनी थी. अगर फ्लाइट की हाइट कम न की जाती, तो अगस्टा-वेस्टलैंड कंपनी बोली में शामिल ही नहीं हो पाती. भारतीय वायुसेना रक्षा मंत्रालय से लगातार मांग कर रही थी कि उसे ऐसे हेलिकॉप्टर दिए जाएं, जो सियाचिन जैसे ऊंचे पहाड़ी इलाक़ों में जाने में सक्षम हों और 6,000 मीटर तक की ऊंचाई पर उड़ान भर सकें. परीक्षण में पाया गया कि अगस्टा के हेलिकॉप्टर 6,000 मीटर के बजाय स़िर्फ 4,572 मीटर तक जा पा रहे थे. बिचौलियों ने 6,000 मीटर तक उड़ पाने में अक्षम पाए जाने के बावजूद वायुसेना प्रमुख को घूस देकर मंजूरी हासिल कर ली. त्यागी को वायुसेना की पीठ में छुरा भोंकते हुए न देर लगी और न शर्म आई.

तकनीकी शर्तों में बदलाव के लिए अगस्टा-वेस्टलैंड ने विभिन्न स्तरों पर तीन करोड़ यूरो की घूस दी. आज यह रकम 225 करोड़ रुपये के क़रीब है. इटली की अदालत ने कहा कि इस सौदे के दौरान एक-डेढ़ करोड़ डॉलर का अवैध फंड केवल अफसरों तक पहुंचा. अदालत के 225 पृष्ठीय फैसले के 17 पृष्ठों में बताया गया है कि पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी किस तरह घोटाले का हिस्सा रहे. अदालत ने कहा कि त्यागी के परिवार को घूस के पैसे कैश और वायर के ज़रिये दिए गए. इसमें त्यागी के तीन रिश्तेदार शामिल थे. हालांकि, इटली की अदालत ने त्यागी को पेशी के लिए इसलिए नहीं बुलाया, क्योंकि भारत में प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच की जा रही थी.

इटली की अदालत में यह साबित नहीं हुआ कि भारत में घूस किसे-किसे दी गई, लेकिन आरोप है कि घूस का अच्छा-खासा हिस्सा पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी के साथ उनके तीन रिश्तेदारों को दिया गया. शुरुआती जांच में आरोप लगा कि त्यागी के क़रीबी रिश्तेदार जूली, संदीप और डॉस्का के ज़रिये घूस दी गई. घूस की रकम सीधे न देकर दो कंपनियों आईडीएस ट्यूनीशिया और आईडीएस इंडिया के मार्फत दी गई. इटली की अदालत के उक्त ताज़ा फैसले में त्यागी का नाम कई बार लिया गया है. फैसले में आरोप लगाया गया है कि सौदे के लिए त्यागी परिवार को सीधे एक करोड़ पांच लाख यूरो यानी लगभग 80 करोड़ रुपये दिए गए थे.

…और इस तरह परवान चढ़ा हेलिकॉप्टर डील घोटाला

  1. अगस्त 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने एमआई-8 हेलिकॉप्टरों के पुराने होने के कारण नए हेलिकॉप्टर खरीदने का प्रस्ताव रखा था.
  2.  मार्च 2002 में हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए ग्लोबल टेंडर डाला गया, ताकि नए वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीदे जा सकें. इन हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल भारत की अति महत्वपूर्ण हस्तियों (वीवीआईपी) के लिए होना था.
  3. 2004 में अटल बिहारी सरकार जाती रही. केंद्र में आई कांग्रेस-यूपीए सरकार ने वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की खरीद प्रक्रिया फिर शुरू की. इसी वर्ष यूपीए सरकार एक प्रावधान (इंटेग्रिटी क्लॉज) लागू करती है, जिसके मुताबिक, हर रक्षा सौदे से पहले क्लॉज पर साइन किया जाना ज़रूरी किया गया कि अगर डील के दौरान किसी बिचौलिए का इस्तेमाल हुआ, तो डील रद्द कर दी जाएगी. यही क्लॉज आगे जाकर यूपीए के फंसने की बड़ी वजह बना.
  4. 2005 में शुरू हुई प्रक्रिया धीरे-धीरे आगे बढ़ती रही, लेकिन इसे वर्ष 2010 में तब हरी झंडी मिली, जब यूपीए कैबिनेट कमेटी ने 12 हेलिकॉप्टरों की खरीद का प्रस्ताव पास कर दिया.
  5. प्रस्ताव पास होने के बाद रक्षा मंत्रालय ने 2010 में इटली की हेलिकॉप्टर कंपनी अगस्टा-वेस्टलैंड से सौदा तय किया. अगस्टा-वेस्टलैंड ने यह ठेका अमेरिकी कंपनी सिकोर्सिकी एयरक्राफ्ट समेत कई कंपनियों को पछाड़ कर हासिल कर लिया.
  6. फरवरी 2012 में इटली की जांच एजेंसियों ने कहा कि अगस्टा-वेस्टलैंड की मूल कंपनी फिनमेक्कैनिका ने डील हासिल करने के लिए भारत के कुछ नेताओं और अफसरों को रिश्वत दी है. जांच अधिकारियों ने डील को अवैध बताया. डील कराने में तीन दलालों क्रिश्चियन मिशेल, गाइडो हेश्के और पीटर हुलैट के शामिल होने का पता चला. यानी निर्धारित प्रावधान के मुताबिक प्रथम द्रष्टया ही डील ग़लत साबित हुई. हालांकि, बिचौलिया गाइडो हेश्के ने घोटाले से जुड़ी सभी सूचनाएं और तथ्य अपने कंप्यूटर से मिटा दिए थे, लेकिन जांचकर्ताओं ने उसके हार्डडिस्क से उन सभी जानकारियों को हासिल कर लिया. साथ ही उसकी मां के घर में छुपाए गए कई अन्य महत्वपूर्ण दस्ताव़ेज भी बरामद किए थे. जांचकर्ताओं ने उसके कंप्यूटर ड्राइव में मिले दस्तावेज़ों को भानुमती का पिटारा करार दिया था. इसमें गाइडो हेश्के ने इटली एवं लुगानो में भारतीय मध्यस्थों से मुलाकात और फिनमेक्कैनिका सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय लेन-देन का विस्तृत ब्यौरा भी दर्ज कर रखा था.
  7. इटली की अदालत में 2012 में केस हुआ.
  8. फरवरी 2013 में फिनमेक्कैनिका के सीईओ ब्रूनो स्पैन्योलीनी को इटली की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. कंपनी पर आरोप लगा कि उसने कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए क़रीब 375 करोड़ रुपये रिश्वत में दिए.
  9. आगे की जांच में पता चला कि कंपनी और भारत सरकार के बीच सौदा कराने के लिए दलालों ने कुछ कोड वर्ड इस्तेमाल किए, जो भारत के राजनीतिज्ञों, अफसरों, रिश्तेदारों और दलालों को परिलक्षित करते थे.
  10. 2013 में इस मामले की जांच सीबीआई को दी गई. सीबीआई ने 11 लोगों के खिलाफ जांच शुरू की. पूर्व वायुसेना अध्यक्ष एसपी त्यागी समेत 12 लोगों के खिला़फ एफआईआर दर्ज हुई. लेकिन, सीबीआई की जांच काफी धीमी रफ्तार से चलती रही.
  11. जनवरी 2014 में यूपीए-2 सरकार ने अगस्टा- वेस्टलैंड के साथ सौदा रद्द कर दिया.
  12. अक्टूबर 2014 में इटली में गिरफ्तार फिनमेक्कैनिका के सीईओ ब्रूनो
    स्पैन्योलीनी को बरी कर दिया गया. कहा गया कि डील में हुई रिश्वतबाजी प्रकरण में ब्रूनो निर्दोष हैं.
  13. अप्रैल 2016 में इटली की मिलान अदालत ने निचली अदालत के ़फैसले को रद्द कर दिया. मिलान अदालत ने फिनमेक्कैनिका के सीईओ स्पैन्योलीनी को दोषी माना. अगस्टा-वेस्टलैंड के पूर्व प्रमुख को भी दोषी माना गया.
  14. अप्रैल 2016 में इटली की मिलान अदालत से इस प्रकरण में आ़िखरी ़फैसला आया, जिसने अगस्टा-वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील की पूरी अंतर्कथा को उजागर करके रख दिया.
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