“भारत” पूरे विश्व मे न तो भारत जैसा कोई देश था न है न कभी होगा। भले ही हमारा देश पूरी तरह से विकसित नहीं है पर हमारे देश जैसी संस्कृति ,सभ्यता और हमे मिली विरासत शायद ही किसी और देश के पास होगी। शायद ही किसी देश मे इतने धरम,इतने त्यौहार,इतनी भाषाएँ सुनने और देखने को मिलती होंगी। यह सब बताने और भारत की शालीनता याद दिलाने का सिर्फ एक ही उद्देश है और वो यह की धीरे धीरे हम लोग इस देश की महान विचारधारा और महानता को भुलाते जा रहे है। आज हम हमारी आने वाली पीढ़ी मे नफरत का बीज बो रहे है धरम के नाम पर जाती के नाम पर और ऐसा हम क्यों कर रहे हम ऐसा सिर्फ इसीलिए कर रहे क्यों की देश के आज़ाद होने के 70 साल बाद एक राजनैतिक पार्टी सत्ता मे आती है धरम का मुद्दा उठाती है और लोगो को ब्रम्हीत करना शुरू कर देती है की उन्हें दूसरे धरम से खतरा है अफ़सोस यह नहीं की कुछ लोग धरम के नाम पर लोगो को बाट रहे है अफ़सोस यह है की धरम को बचाने के नाम पर वो देश जला रहे है। याद रखे इस तरह की विचारधारा को बढ़ावा देने से नुकसान किसी एक धरम के लोगो का नहीं होगा,नुकसान होगा भारत का।
भारत एक देश नहीं है, भारत एक सपना था उन लोगो के लिए जिन्होंने संघर्ष किया इसकी आज़ादी के लिए। हम क्यों भूल जाते है की हम जिस देश पर गर्व कर रहे हम जिस देश मे रह रहे उसकी मिट्टी मे ना जाने कितने लोगो का खून है कितने लोगो ने अपनों को खोया है कितने लोगो ने ज़ुल्म सहा है तब जा कर हम इस देश मे एक कुशल जीवन बिता रहे है। लेकिन आज फिर एक बार हम ग़ुलाम बनते जा रहे है लेकिन इस बार कोई अँगरेज़ हमे ग़ुलाम नहीं बना रहा हम ग़ुलाम बन रहे एक रूढ़िवादी और अपांग मानसिकता के। आज़ादी का जश्न तो हम हर साल मनाते है पर क्या हम आज आज़ादी का महत्व समझते है। अगर हम इसका महत्व समझते तो तिरंगे की शान को कमज़ोरी न समझते। तिरंगा इस बात का प्रतीत है की देश की एकता ही इसकी ताकत है। आज से 75 साल पहले श्री जवाहर लाल नेहरू जी ने कहा था की “स्वतंत्रता और शक्ति ज़िम्मेदारी भी लाते हैं”। आज हम स्वतंत्र तो है पर क्या हम ज़िम्मेदार है?
हम अक्सर यह सोचते है की नेता या देश पर शासन करनेवाले देश की सबसे बड़ी ताकत होते है लेकिन ऐसा नहीं है देश के नागरिक या फिर देश के ज़िम्मेदार नागरिक किसी भी देश की सबसे बड़ी ताकत है। सरकारे आएँगी और जाएँगी हर सरकार अपने साथ कोई राजनैतिक मुद्दा लाएंगी लेकिन हमे एक ज़िम्मेदार और स्वतंत्र नागरिक होने के नाते यह याद रखना चाहिए की देश सरकार नहीं हम बनाते है। हमे याद रखना चाहिए की आज़ाद भारत किसी का वो अधूरा सपना है जिसे आज हम जी रहे है।