केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार (6 मार्च) को नागपुर की एक जनसभा में कुछ लोगों द्वारा पृथक विदर्भ राज्य के पक्ष में नारे लगाने पर नाराजगी प्रकट की और उन्हें का कार्यक्रम से बाहर निकलवा देने की धमकी दी। जनसभा में गडकरी ने जब भाषण देना शुरु किया तब भीड़ में विदर्भ समर्थक कुछ कार्यकर्ता नारे लगाने लगे और वहां बैठे मीडिया के लोगों में पर्चे भी फेंके।
इस पर गडकरी नाराज हो गये और उन्होंने उन लोगों को शांत रहने को कहा। उसके बाद गडकरी ने कहा, ‘‘यदि वे फिर हंगामा करते हैं तो उन्हें थप्पड़ लगाइए, याद रखिए – चिल्लाना बंद कीजिए अन्यथा थप्पड़ लगेगा और बाहर निकाल दिया जाएगा। उनसभी को बाहर निकालिए।’’ मंच पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस भी थे।
इससे पहले पुलवामा हमले के बाद नितिन गडकरी ने ये एलान किया था कि, पाकिस्तान एक एक बूंद पानी के लिए भी तरस जाएगा। भारत ने एक तरह से फैसला कर लिया है कि सैन्य कार्रवाई से पहले पाकिस्तान की ऐसी हालत कर दी जाए कि वो गिड़गिड़ाने लगे और आतंकियों पर नकेल कसने के लिए विवश हो जाए। इसी के तहत केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी दी है कि भारत ने पाकिस्तान जाने वाले अपने हिस्से का पानी रोकने का फैसला किया है। भारत पूर्व नदियों के पानी को डायवर्ट करके जम्मू कश्मीर और पंजाब में इसका इस्तेमाल करेगा।
सिंधु जल संधि के अनुसार भारत पूर्वी नदियों के 80% जल का इस्तेमाल कर सकता है, हालांकि अब तक भारत ऐसा नहीं कर रहा था। भारत के इस कदम के बाद पाकिस्तान के सामने बड़ी चुनौतियां पैदा होने की संभावना है।