मुंबई: आज के इस युग में मोबाइल फोन हर व्यक्ति की ना सिर्फ जरूरत बन चुका है बल्कि ये आज के युवाओं का फैशन आइकन भी बन गया है। बिना मोबाइल आज के युवा की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इसके साथ ही लोगों खासकर युवाओं द्वारा ईयरफोन का इस्तेमाल करना आम बात है। लोग कान पर ईयरफोन लगाकर आते-जाते हर जगह नजर आते हैं। यह दुर्घटनाओं का कारण तो बनता ही स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदेह है। यदि आप भी ईयरफोन का इस्तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाएं। यह आपको मानसिक तनाव देने के साथ बहरा भी बना सकता है।
मानसिक तनाव के साथ बहरेपन का कारण बन सकता है ईयरफोन
ईयरफोन पर तेज आवाज में गाना सुनना तो सबसे अधिक नुकसानदायक है। ईयरफोन के ज्यादा इस्तेमाल से बहरेपन का खतरा तो रहता है, साथ ही व्यक्ति मानसिक तनाव का शिकार भी हो सकता है। कुछ सालों में ईयरफोन से कान खराब होने के मामले और सड़क पर ईयरफोन्स के इस्तेमाल से होने वाली दुर्घटनाएं का लेवल बढ़ गया है। हम इस बात से अनजान हैं कि युवाओं का यह शौक कुछ ही सालों में गंभीर परेशानी के रूप में सामने आ सकता है। ईयरफोन के लगातार प्रयोग से सुनने की क्षमता 40 से 50 डेसीबेल तक कम हो जाती है। कान का पर्दा वाइब्रेट होने लगता है। दूर की आवाज सुनने में परेशानी होने लगती है। यहां तक कि इससे बहरापन भी हो सकता है। इसलिए ईयरफोन का इस्तेमाल सावधानी से करें।
इयरफोन से मानसिक समस्याओं के अलावा हृदय रोग और कैंसर होने का भी खतरा
तेज आवाज में गीत सुनने से मानसिक समस्याओं के अलावा हृदय रोग और कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। उम्र बढ़ने के साथ यह बीमारियां सामने आने लगती हैं। ईयरफोन बाहरी भाग के कान के परदे को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ अंदरूनी हेयरसेल्स को भी क्षतिग्रस्त करता है। सावधानी से इयरफोन का इस्तेमाल आपको इन समस्याओं से बचा सकता है।
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