नई दिल्ली : इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को लेकर एक खुशखबरी आई है दरअसल ICJ ने कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा दी गई फांसी की सजा पर अंतिम फैसला आने तक रोक लगाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने साथ ही जाधव को राजयनिक पहुंच उपलब्ध करने का भी आदेश दिया।
ICJ ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए पाकिस्तान को सलाह दी कि उसे जाधव तक भारत की राजनयिक पहुंच की मांग माननी चाहिए क्योंकि यह विएना संधि के दायरे में आता है। भारत की तरफ से 16 बार पकिस्तान को मनाने की कोशिश की गयी थी लेकिन जब भारतीय राजनयिक को कुलभूषण से मिलने नहीं दिया गया तब जाकर भारत ने ICJ का दरवाजा खटखटाया जहाँ पर उसे बड़ी सफलता हाथ लगी है.
कुलभूषण मामले में भारत के टॉप वकीलों में से एक हरीश साल्वे ने जाधव की गिरफ्तारी, उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने तथा मामले की सुनवाई से संबंधित तमाम कार्रवाई को संयुक्त राष्ट्र के चार्टर और विएना संधि का उल्लंघन करार दिया था।
क्या है विएना संधि
दरअसल भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों ने विएना संधि पर अपने दस्तखत किये हैं. इस संधि के तहत दोनों देशों को ये अधिकार है कि वो अपने नागरिकों से मिल सकते हैं. इसी वजह से ICJ ने आदेश दिया है कि कुलभूषण जाधव को राजयनिक पहुंच उपलब्ध कराई जाए.
नीदरलैंड्स के हेग में स्थित ICJ में मामले की सुनवाई बीते सोमवार को हुई थी। इसमें भारत और पाकिस्तान के वकीलों ने अपना पक्ष रखा था। सुनवाई के दौरान भारत ने पाकिस्तान पर विएना संधि के घोर उल्लंघन का आरोप लगाते हुए अंतरराष्ट्रीय अदालत से भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी।
46 वर्षीय पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को पिछले साल तीन मार्च को गिरफ्तार किया गया था. पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों के आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी.