शब ए बारात शनिवार को है। इस बार मुस्लिम उलमा इस दिन सड़क पर हुड़दंग और स्टंटबाजी रोकने के लिए खासे चिंतित हैं। उन्होंने मुसलमानों से अपील की है कि मां-बाप अपने बच्चों को घर से निकलते वक्त उन पर खास नजर रखें और उनको समझाएं कि शब ए बारात के नाम पर किए जाने वाले स्टंट और हुड़दंग गैर इस्लामी हैं।
जामा मस्जिद के शाही इमाम सैय्यद अहमद बुखारी ने कहा कि शब ए बारात निजात की रात है, इबादत की रात है। मुसलमानों ने इस रात को पर्व के तौर पर मनाना शुरू कर दिया है। पूरी रात शोर मचाने, हुड़दंग करने से बचना चाहिए। यह किसी भी तरह से शरीयत या कानून के मुताबिक जायज नहीं है।
लखनऊ ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का कहना है कि शब ए बारात गुनाहों से तौबा की रात है। इस रात को इबादत में गुजारें। मर्कज़ी जमात पहले हदीस के महासचिव मौलाना असगर अली सल्फ़ी का भी कहना है कि शब ए बरात पर नमाज पढ़ना चाहिए और इबादत करना चाहिए। धूम धड़ाका नहीं होना चाहिए। फ़िज़ूल खर्ची नहीं होनी चाहिए। यह सब जायज नहीं है। जमात ए इस्लामी हिन्द के सचिव मौलाना मोहम्मद रफ़ीक क़ासमी ने भी हुड़दंग को गैर इस्लामी कहा है।