पिछले 6 महीनों से देश में होने वाले रेल हादसों में इजाफा हुए है. पहले जब सुरेश प्रभु रेल मंत्री थे तब उस दौरान भी कई बड़े रेल हादसे हो चुके हैं लेकिन जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल की तब रेलमंत्री सुरेश प्रभु को हटाकर उनकी जगह पर ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल को रेलमंत्री बना दिया गया लेकिन इससे भी रेल हादसों में कमी नहीं आई और उनके कार्यभार संभालते ही राजधानी और शताब्दी ट्रेन हादसे का शिकार होने से बची थी लेकिन अब एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है जो रेल प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है.
बता दें कि दिल्ली से महाराष्ट्र के लिए रवाना हुई ट्रेन रेलवे प्रशासन की गलती की वजह से मध्य प्रदेश पहुंच गई. आप हैरान रह गये होंगे लेकिन ये घटना बिलकुल सच है. दरअसल रेल प्रशासन की गलती की वजह से यह ट्रेन 160 किमी तक गलत दिशा में दौड़ती रही, लेकिन ड्राइवर को इस बात की भनक तक नहीं लगी. अगर ड्राइवर से गलती गो गयी थी तो यह मामला रेल प्रशासन के संज्ञान में होना चाहिए था मगर जो सबसे चौंकाने वाली बात थी वो यह है कि रेल प्रशासन भी इतनी बड़ी गलती को पकड़ नहीं पाया और किसानों से भरी यह ट्रेन मध्यप्रदेश के बानमोर स्टेशन पहुंच गयी. इसी स्टेशन पर पहुंचकर ट्रेन के ड्राइवर को होश आया कि ट्रेन गलत ट्रैक पर आ गयी है. फिलहाल इस ट्रेन के साथ कोई हादसा नहीं हुआ इस बात की गनीमत रही.
अब इस घटना को लेकर कई लोग सवाल भी उठने लगे हैं. लोग इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर भी जमकर सवाल उठा रहे हैं साथ ही इसे पहले से निर्धारित बता रहे हैं. लोगों का कहना है कि आखिर कैसे रेलवे प्रशासन से इतनी बड़ी गलती हो गयी और पटरी पर कोई हादसा भी नहीं हुआ यह वाकई में एक चौंकाने वाल्ली बात है.
अब इस घटना का सच क्या है यह तो हम नहीं जानते हैं लेकिन अगर यह घटना रेल प्रशासन की गलती से हुई है तो यह देश के लिए एक सोंचनीय और चिंताजनक विषय है. देश के यात्री सरकार से सवाल पूँछ रहे हैं कि आखिर कब ये रेल हादसे थामेंगे और कब एक आम इंसान सुकून के साथ भारतीय ट्रेनों में सफ़र कर पाएगा. लोगों को उम्मीद है कि रेल मंत्री पीयूष गोयल इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई करेंगे.
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बता दें कि यह ट्रेन दिल्ली से रवाना तो महाराष्ट्र के लिए हुई थी, लेकिन पहुंच गई मध्य प्रदेश. ट्रेन 160 किमी तक गलत दिशा में चलती रही, लेकिन रेलवे प्रशासन के किसी अधिकारी और कर्मचारी को इसकी भनक तक नहीं लगी. रेलवे प्रशासन के गैर जिम्मेदार रवैये की वजह से ये किसान अपने घर पहुंचने की बजाय मध्य प्रदेश के बानमोर स्टेशन में फंस गए.