नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में नवनिर्वाचित भाजपा सरकार को कहा है कि वो मांसाहारियों से उनका हक़ नहीं छीन सकती है. हाईकोर्ट ने ये बाद उत्तर प्रदेश में बूचड़खानों पर लगी रोक को लेकर कही. योगी आदित्य नाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उत्तर प्रदेश में बूचड़खानों पर रोक लगा दी गयी है और इसी फैसले को देखते हुए हाईकोर्ट ने अब सख्त रुख अपना लिया है.
हाईकोर्ट ने प्रदेश के भीतर अवैध बूचड़खानों को बंद करने के मामले में सरकार से 17 जुलाई तक हल निकालने का आदेश दिया है. योगी आदित्यनाथ की सरकार आते ही सबसे पहले बूचड़खानों पर ताले लगवा दिए गये थे जिससे मीत कारोबारियों में हडकंप मच गया था. जहाँ एक तरफ छोटे कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं वहीं दूसरी तरफ बड़े कारोबारी भी इस समस्या से बाख नहीं पाए हैं.
उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद से जहां एकतरफ अवैध बूचड़खानों पर सख्ती होने लगी. वहीं मीट शॉप के लाइसेन्स के नवीनीकरण का भी मामला भी उठने लगा. हाई कोर्ट ने कहा है कि सरकार मीट के कारोबारियों को लाइसेन्स जारी करे. पुराने लाइसेन्सों का नवीनीकरण करे. इसके अलावा कोर्ट ने कहा है कि बूचड़खानों के निर्माण की जिम्मेदारी स्थानीय निकाय की है. हाईकोर्ट ने इस मामले संबंधित विभागों और शासन से 17 जुलाई तक जानकारी मंगाई है.