अरविंद सुब्रमण्यन ने मुख्य आर्थिक सलाहकार का पद छोड़ दिया है. उन्होंने इसके पीछे अपनी पारिवारिक ज़िम्मेदारियों को वजह बताया है. यह जानकारी वरिष्ठ भाजपा नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक फेसबुक पोस्ट के माध्यम से दी है. उन्होंने लिखा है कि मुख्य आर्थिक सलाहकार सुब्रमण्यन ने कुछ दिनों पहले उनसे इस बारे में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बात की थी. इस दौरान उन्होंने अनुरोध किया था कि वे पारिवारिक ज़िम्मेदारियों की वजह से अमेरिका वापस लौटना चाहते हैं. उनका यह फैसला बेहद निजी था, लेकिन उनके लिए बहुत ज़रूरी था.
गौरतलब है कि 16 अक्टूबर 2014 को अरविंद सुब्रमण्यन ने मुख्य आर्थिक सलाहकार का पद ग्रहण किया था. एक महीने बाद ही उनका अकार्यकाल पूरा होने वाला था. अरुण जेटली चाहते थे कि तीन सालों का कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद भी सुब्रमण्यन अपने पद पर बने रहें, लेकिन अंत में वित्त मंत्री को मुख्य आर्थिक सलाहकार की बात माननी पड़ी. जेटली ने अपने फेसबुक पोस्ट में यह भी लिखा है कि चाहे वित्त मंत्रालय हो या पीएमओ, सुब्रमण्यन हर जगह औपचारिक और अनऔपचारिक भूमिकाएं निभाते आए हैं.
जेटली ने कहा कि अमीरों से सब्सिडी वापस लेने के आइडिया भी अरविंद का ही था. जेटली ने यह भी बताया है कि सुब्रमण्यन ने ही जैम यानि जन-धन, आधार, मोबाइल को साथ लाने का आइडिया दिया था, ताकि लोगों को मिलने वाली सुविधाओं को और बेहतर बनाया जा सके. इकॉनमिक सर्वे में चार चांद लगाने का काम करने के लिए भी जेटली ने सुब्रमण्यन को याद किया. जेटली ने उनके उन बहसों में शामिल होने को भी योगदान के तौर पर पेश किया है जिनसे संघवाद और जीएसटी जैसी चीज़ों को मज़बूती मिली.