नई दिल्ली (ब्यूरो, चौथी दुनिया)। यूपी में सांतवे चरण के चुनाव संपन्न होने के बाद नतीजे 11 मार्च को आने हैं। सपा कांग्रेस के गठबंधंन का चेहरा अखिलेश हैं इसके कोई शक नहीं है, बीएसपी में मायावती के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं हैं। इसलिए इन दोनों खेमों के सीएम चेहरों को लेकर कोई संशय नहीं। संशय बीजेपी के सीएम चेहरे को लेकर है जिसके कयास काफी दिनों से चल रहे हैं।
हाल ही में पार्टी ने मीटिंग कर इस बात पर मंथंन किया, कि अगर पार्टी यूपी में जीत दर्ज करने में कामयाब हो जाती है तो सीएम का चेहरा कौन होगा। बीजेपी की लिस्ट में कुछ नाम काफी अरसे से चल रहे हैं। जिसमे केशव प्रसाद मौर्या, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ, उमा भारती सरीखी नेताओं का नाम शामिल हैं। हाल ही में महेश शर्मा, मनोज सिंन्हा और बीजेपी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा के नामों की भी चर्चा हो रही है।
इन सभी लिस्ट में फिलहाल केशव प्रसाद मौर्या सबसे आगे चल रहे हैं। जानकारी के मुताबिक बीजेपी के अंदर-खाने में केशव प्रसाद मौर्या के नाम को लगभग फाइनल माना जा रहा है। केशव प्रसाद मौर्या मोदी और शाह के करीबी और भरोसेमंद माने जाते हैं। इसिलिए उन्हे कई सीनियर नेताओं को किनारे करते हुए बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। जिस तरीके से मौर्या चुनाव प्रबंधंन के साथ साथ चुनावी प्रचार में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया उससे भी केशव प्रसाद को लेकर कयास सही दिशा में जाते दिखाई दे रहे हैं।
बतौर प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या की सीधा दखल टिकट बंटवारे में रहा है। उनसे अच्छे संबंध और करिबियों को ही टिकट दिया गया है। इसलिए विधायकों की भी पहली पसंद वो ही रहने वाले हैं। इसके अलावा मौर्या के संघ से भी अच्छे संबंध रहे हैं। राम मंदिर आंदोलन में भी भाग ले चुके हैं। इसिलिए संघ परिवार के लोगों को उनसे कोई गिला शिकवा नहीं होगा।
लेकिन इन सबसे अलग केशव प्रसाद मौर्या के राजनीतिक दामन पर कई दाग लगे हुए हैं। अब तक के सफर में मौर्या पर मर्डर, लूट, फर्जीवाड़ा और सरकारी संपत्ति को हानि पहुंचाने जैसे गंभीर मामले चल रहे हैं। बीजेपी को चिंता इस बात की है कि अगर वो मौर्या को सीएम पद पर बिठाते हैं तो उन्हे मौर्या पर लगे इन आरोपों के जवाब देने होंगे।