यह है आज के भास्कर नाम के दैनिक अखबार की पन्ना नंबर १२ की ललित दुबे और सुदर्शन शर्मा की रिपोर्ट !
एशिया में साल के पेड़ों का जंगल सारंडा ८०० वर्ग किलोमीटर में फैला विराट भूभाग ! हो भाषा में सारंडा का मतलब ७०० पहाडिय़ों से घिरी भूमि है ! फोटो जर्नलिस्ट ने ड्रोन उडाने की कोशिश की,पर बार – बार मेसेज आ रहा था – मेग्नेटिक फिल्ड एरिया ! थोडी दूर स्थित पहाड़ी पर गए तो काफी मुश्किल से ड्रोन उपर गया और तस्वीरें भी ली, पर मेग्नेटिक एरिया के मेसेज आने बंद नही हुए !
आकुत प्राकृतिक संपदा से धनी सारंडा में ऐसा क्यों हो रहा है ? जिससे मैग्नेटिक फिल्ड बन रहा है ! हमने पडताल में पाया कि बड़े हिस्से में हो रहे लौह-अयस्क खनन से रेडिएशन फैल रहा है ! अधिक खतरा अवैध खनन से दिखा, क्योंकि उसे माॅनिटर नही किया जा रहा ! भास्कर ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण और जंगल जीवन के विष्लेषण के लिए फारेस्ट रिसर्चर्स डॉ वसावी किडो और वैज्ञानिक मनिष कुमार झा की मदद ली ! और उन्होंने कहा कि मायनिंग के बाद खनिज धोने पर निकलने वाले लाल पानी से कैंसर, डायरिया व त्वचा रोग हो रहा है ! 50 साल से अधिक समय से खनन के चलते अपंगता, बौनापन जैसी जेनेटिक समस्या सामने आ रही है ! ग्रामीणों ने बताया कि बिमारिया बढ रही है ! और अक्यूपेशनल हझार्ड के तहत (जिस पेशे के कारण बिमारिया फैलती है ! उदाहरण के लिए पथ्थरोकी खदानों के एरिया में सिलोकोसिस जैसे बिमारिया)
जो हमने पिछले सात दिसंबर के दिन बंगाल के बीरभूम के महंमदपूर ब्लॉक में खुद जाकर देखा है ! और यह खनन सत्तर साल पुरानी पथ्थरोकी खदानों का इलाका है अब पथ्थरोकी परत खत्म होने को आई है और आगे कोयला मिल रहा है इसलिए अब कोयले का खनन करने की शुरूआत होने वाली है इसलिए मैं दो दिसंबर से बीरभूम के इलाकों में था तो स्थानीय लोगों ने मुझे लेजाकर महंमदपूर ब्लॉक के इन पथ्थरोके खदानों का इलाका दिखाया जिसे आज एक महिना हो रहा है !
कम-से-कम ढाई-तीन हजारों की संख्या में पथ्थरोके टुकड़े बनाने की मशिने लगातार चल रही हैं जिससे उस एरिया में जबरदस्त धुल छाई हुई है ! और उपर से हजारों की संख्या में ट्रकों द्वारा उस पथ्थरोके क्रशर से निकले हुए गिट्टियों तथा पावडर इत्यादी मलबे को लेकर जाते हुए देखा है ! और वहाँ पर रहने वाले संथाली तथा अन्य लोगों को वह धुल सतत अपने श्वसन के द्वारा अपने शरीर में लेनी पड रही है और मुझे नहीं लगता कि कोई भी व्यक्ति जो वहाँ पर रह रहे हैं चालीस से पचास साल की जींदगी जी पाते होंगे ? इसलिये वहां से आने के बाद मैंने विकास के चढते बली आदिवासी समाज के टाइटल से एक पोस्ट भी लिखा है !
और आगे जाकर लिखा कि हमारे देश की कुल आबादी में आदिवासियों का अनुपात साडे आठ से नौ प्रतिशत के बीच है ! मतलब दस से बारह करोड़ ! और तथाकथित विकास के नाम पर जो भी कुछ गतिविधियों के शिकार पचहत्तर प्रतिशत से अधिक आदिवासियों की जनसंख्या है ! आज आजादी का पचहत्तर साल का जश्न मनाया जा रहा है ! क्या उस आजादी के लाभान्वित आदिवासियों को कह सकते.?
जमशेदपुर से बहुत पास ही जादुगोडा नाम का इलाका है जहाँ पर ओपन युरेनियम मायनिंग प्रकल्प जारी है जिसके खिलाफ झारखंड आर्गनाइजेशन अगेंस्ट रेडिएशन (जेओएआर) के अध्यक्ष घनश्याम बिरोली ने बताया कि रेडिएशन से पिछले दस सालों में 150 अपंग बच्चे पैदा हुए हैं ! जादुगोडा में युरेनियम कार्पोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड के पास के गांवों में यह स्पष्ट दिखाई देता है कि, मेचुआ, टुआंगडुंगरी, चाटीकोचा, डुंगरीडीह, तिताईताड, ज्यादा प्रभावित दिखे ! ऐसा ही अन्य खनन क्षेत्र में दिखाई दिया !
सारंडा के मनोहरपुर, किरीबुरू, मेघहातुबुरू से 18.8 मिलियन टन सालाना अयस्क निकलता है ! गुवा से 20820 टन मैगनिज सालभर में निकलता है ! इसकी आड में माफिया भी अवैध खनन करवा रहे हैं ! इसके कारण जंगल कट रहे हैं ! और उसके कारण जमीन खुल जाने की वजह से गाद बहनें से गांवों की कृषि योग्य भूमि बंजर हो रही है ! चिरिया के ग्रामप्रधान लक्ष्मण सामद ने बताया कि माइंस से निकलने वाले पानी की वजह से अधिकतर ग्रामीण गंभीर बिमारियो से पिडीत है ! आसपास के वनग्रामो की 35000 आबादी प्रदुषित पानी पीने को मजबूर हैं ! सामद ने बताया कि मायनिंग के कारण सघन वन काफी कटे है !
जंगल की नदियों में घुला लौह-अयस्क का दुषित पानी, डायरिया और चर्मरोग के मरीजों की घर घर में संख्या दिन-प्रतिदिन बढती जा रही हैं ! और इस अपराध के लिए वन माफिया, और वनविभाग के अफसरों की मिलीभगत के कारण बिहार, बंगाल, ओरिसा मे हो रही लकडी की तस्करी बदस्तूर जारी है ! और यह जबतक जारी रहेगा हमारे देश का वन क्षेत्र जो पहले से ही कम है और कम होने से ग्लोबल वार्मिंग से लेकर पर्यावरण संरक्षण की समस्या और भी बढती जायेगी ! इसलिये तथाकथित विकास की अवधारणा के बारे में गंभीर रूप से पर्यायी विकास की दिशा में सोच-विचार होना बहुत जरूरी है !
डॉ सुरेश खैरनार पूर्व अध्यक्ष राष्ट्र सेवा दल ७ जनवरी 2022, नागपुर