इस समय सियासी गलियारों में सियासी सूरमाओं के बीच हनुमान जी को लकेर चर्चा के बाजार का पारा काफी चढ़ा हुआ है. लगातार कोई न कोई सियासी नुमाइंदा अपनी सक्रियता का परिचय देते हुए हनुमान जी के बारे में कुछ न कुछ कहता ही जा रहा है.
अब इस कड़ी में केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा कि इस समय लोग कह रहे हैं कि हनुमान जी दलित थे. वे दलित नहीं बल्कि वे आर्य थे.
इसके साथ ही उन्होंने अपनी बात की पुष्टि करते हुए कहा कि अगर आप रामायण को गहनता से पढ़ेंगे तो आपको मालूम पड़ेगा कि उस समय कोई जाति विभाजन नहीं था, जिससे ये बात प्रमाणित होता है कि हनुमान जी दलित नहीं थे. वे एक आर्य महापुरुष थे.
गौरतलब है कि हुनमान जी को लेकर बहस का शुरुआत यूपी के मख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने एक बयान के जरिए किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि हनुमान जी दलित हैं, गिरवासी है, वंचित हैं. उनके इस बयान से सियासी नुमाइंदे के बीच नई बहस का शुरुआत हो गया.
इतना ही नहीं, योगी के इस बयान से ब्राह्मण समाज इस कदर आहत हो गया कि ब्राह्मणों ने नोटिस जारी कर कहा कि योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान के जरिए हनुमान जी के अनुयायियों को ठेस पहुंचाया है.
हालांकि, योगी के इस बयान को लेकर नंद कुमार साय ने अपनी सहमति जताते हुए कहा कि हनुमान जी वास्तव में दलित थे. क्योंकि दलितों में हनुमान गोत्र होता है. इतना ही नही, दलितों में तो रीछ, गीद्दा और तिग्गा नाम से भी गोत्र होता है और इन नामों के वानर हनुमान जी की सेना में शामिल थे जो कि इस बात को पुख्ता करता है कि हनुमान जी दलित थे.