साथीयो नरेंद्र मोदी तथा अमित शाह चुनाव प्रचार सभाओं में मंगलसूत्र तथा महिलाओं के सम्मान तथा मातृशक्ति की बातें कर रहे हैं ! उनके मुख्यमंत्री के कार्यकाल में, आजसे बाईस साल पहले गुजरात के दंगों में औरतों के साथ क्या किया गया ? और उन गुनाहगारों को पहले से आखिर तक किनका आशिर्वाद था ? यह तथ्य संपूर्ण विश्व के सामने, बिल्किस बानो के उपर अत्याचार करने वाले गुनाहगारों को आजादी के पचहत्तर साल के अमृतमहोत्सव के आड में कई धांधलीया करते हुए ! उसी गुजरात सरकारने उन गुनाहगारों को जेल से रिहाई का निर्णय लिया ! उससे साफ है ! और वह जेल से बाहर आते ही, उनके स्वागत-सत्कार समारोह करते हुए मिठाई बांटी गई ! आखिर में बिल्किस बानो को सर्वोच्च न्यायालय में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा ! और सर्वोच्च न्यायालय को उन गुनाहगारों को दोबारा जेल भेजना पडा ! यह गुजरात सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के लिए, झन्नाटेदार तमाचा है ! इस पूरे मामले में प्रधानमंत्री ने मौन धारण कर लिया है ! वैसे तो आपको बोलना बहुत अच्छा लगता है ! लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय तथा दलितोके और आदिवासियों की महिलाओं के उपर होने वाले अत्याचार क्या अत्याचार नही है ? यह अत्याचार कौन-सी मातृशक्ति के परिचायक है ?


वैसे ही ऊलगढी हाथरस जिले के एक दलित परिवार की बीस साल की उम्र की महिला के साथ अत्याचार किया ! और इस मामले को रफा-दफा करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने जिले के सर्वोच्च अधिकारीयों के उपस्थिति में उस पिडित महिला के शव को उसके परिवार वालों को डरा – धमकाकर सुबह – सुबह जलाकर सबूतों को नष्ट करने का काम किया ! और देश भर से मिडिया के कुछ लोग इस घटना की जांच करने के लिए जाने लगे, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया ! इसके अलावा बलरामपुर तथा सेंगर नाम के एक भाजपा विधायक ने इसी उम्र की महिला के साथ अत्याचार करने के बाद, उसकी हत्या कर दी ! और परिवार वालों ने मामले को कोर्ट में पेश किया ! तो हिंदी सिनेमा के स्टाईल में, वकिल के साथ पुरे परिवार के सदस्यों को उनकी गाड़ी के साथ, तथाकथित रोड एक्सिडेंट में एक ट्रक द्वारा कुचल कर मार डाला ! यह कौन सी शक्तियाँ थी ? चुनाव के दौरान प्रचार अभियान करते वक्त यह लफ्फाजी ? और वास्तविक स्थिति क्या है ? उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात तथा भाजपा शासित प्रदेश के महिलाओं के साथ किए जा रहे अत्याचारों में कौनसी महिलाशक्ति? और कौन सा महिलाओं का सम्मान करना जारी है ?
और वैसेही आज के इंडियन एक्सप्रेस के प्रथम पृष्ठपर, मणिपुर की घटना को आनेवाले 3 मई को महिलाओं के साथ किए गए अत्याचार की घटनाएं होने को एक साल होने जा रहा है !

तो शायद उसी उपलक्ष्य में इंडियन एक्सप्रेस ने उस घटना के सीबीआई द्वारा गुवाहाटी के स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया आरोप पत्र आज के अखबार में विस्तार से दिया! “3 मई 2023 के दिन कूकी समाज की महिलाओं को चूराचंद्रपूर जिले में विवस्र करके घुमाने के समय उन महिलाओं को, रस्ते पर खडी पुलिस की जिप्सी गाड़ी में बड़ी मुश्किल से बैठनेमे कामयाब हुई थी ! और उन्होंने ड्रायवर को गाड़ी चलाने को कहा, तो ड्रायवर ने कहा कि मेरे पास गाड़ी की चावी नही है ! और कुछ देर के बाद उसी ड्राइवर ने उसी गाड़ी को शुरू करने के बाद जोरसे चलाते हुए अत्यंत उग्र भीड जो हजारों की संख्या में उत्तेजित अवस्था में जमा थी वहां गाड़ी को रोका ! तो पहले से ही जो पिडित पुरुष बैठे थे, उन्होनें ड्राइवर को गाड़ी को चलाने के लिए कहा, तो उसे चुप रहने के लिए कहा गया ! और मॉब के सामने जिप्सी खडी करके ड्राइवर और अन्य पुलिस उस जगह से चले गए ! और मॉब ने उन पिडित पुरुष और महिलाओं को जिप्सी के बाहर खिंचकर निकाल कर उन्हें प्रताड़ित करते हुए यह तथ्य एक अन्य पिडित महिला ने अपने बयान में सीबीआई को कहा है ! और सीबीआई ने अपने तरफसे जांच करने के बाद, जो चार्जशीट दाखिल की है ! उससे यह तथ्य सामने आया है ! इस घटना शामिल छह लोगों के खिलाफ आरोप पत्र, अक्तूबर के महिने में स्पेशल कोर्ट गुवाहाटी में दर्ज किया है !


नॉर्थ-ईस्ट हो या तथाकथित रेडबेल्ट या फिर जम्मू-कश्मीर में तैनात मिलिटरी या पॅरा मिलिटरी के इस तरह के व्यवहार से, स्थानीय लोगों में इन फोर्सेज को लेकर कितना गुस्सा है ? और क्यों नहीं होना चाहिए ? जीनके मां बहनों के इज्जत के साथ खिलवाड़ हो, इस तरह का अमानवीय अन्याय अत्याचार, वह भी खुले आम! लोगों के सामने ! देखकर कौनसी कौम को खुषी होगी ? यह पूरा इलाका जो भारत का एक चौथाई से भी अधिक हिस्सा है ! उसमे रहने वाले लोग अगर पचास वर्षों से अधिक समय से नाराज चल रहे हो ! यह कौन सा देश की मजबूती या एकता के लिए अच्छा लक्षण है ? क्या हमारे देश की भारत माता की यह संतानें नही है ? आर्थिक वृद्धि को छोडिए पहले लोगों को सुरक्षित और सम्मानित रहने के लिए महौल बनाइये ! तभी सबका साथ सबका विकास या महिलाशक्ति या मातृशक्ति जैसे नारों में लोग विश्वास करेंगे ! सिर्फ बड़बोलेपन से नहीं !
कुछ समय पहले इसी आसाम रेजिमेंट के मुख्यालय के बाहर,कुछ महिलाओं ने खुद विवस्र होते हुए, हाथों में “हमें बलात्कार करो” के बैनर तले प्रदर्शन किया है ! वह प्रदर्शन विश्व प्रसिद्ध प्रदर्शन के केटेगरी में तो चला गया ! लेकिन हमारे देश और हमारे देश की रक्षा के लिए बनाए गए, विभिन्न फोर्सेज को अपने ही देश के सर्वहारा वर्ग की नफरत या गुस्से का सामना करना पड़ रहा ! क्या यह भी देश की इज्जत और सम्मान के लिए बहुत अच्छी बात है ? या विश्वगुरु बनने के लिए यही प्रथमिक शर्त है ? क्यों कि गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए, ( राज्य पुरस्कृत दंगों के दौरान 27 फरवरी 2002 ) बाईस साल पहले आपने राज्य की पुलिस और प्रशासन तथा सेना के साथ क्या व्यवहार किया था ? वह भी पुरे विश्व के सामने है ! और उसी विश्व के गुरू होने की कामना आप किए जा रहे हो ?


इंडियन एक्सप्रेस के प्रतिनिधि ने मणिपुर के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस राजीव सिंह से बातचीत में उन्होंने कहा कि “हमने डिपार्टमेंटल एक्शन उन पुलिस वालों के खिलाफ ली है !” तो जब उनसे पूछा गया कि क्या कोई क्रिमिनल एक्शन उनके खिलाफ ली गई है ? तो उन्होंने कहा कि हम इस घटना की जांच हम नहीं कर रहे हैं, वह तो सीबीआई कर रही है !
जुलाई 2023 में एक विडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था ! जिसमें एक बीस साल की उम्र की महिला और दुसरी चालिस साल के उम्र की महिलाओं को विवस्र करके मॉबने अपने हाथों में काठिया लेते हुए उन्हे मारते हुए, रस्ते से चलाने के लिए मजबूर कर रहे थे ! मणिपुर सरकार की कार्यतत्परता देखिए कि उस घटना में शामिल अपराधियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की मालुम नहीं ! लेकिन उस विडियो को प्रकट करने वाले लोगों को तुरंत गिरफ्तार किया ! और देश के विभिन्न क्षेत्रों के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को मणिपुर में आने का प्रवेश बंद कर दिया !


और भारत के अन्य क्षेत्रों के घटना उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल की संदेशखाली की घटना को लेकर, प्रधानमंत्री से लेकर राज्यपाल तथा केन्द्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा अन्य पदाधिकारियों ने जो कोहराम मचाया ! उसके आधे भी मणिपुर के लिए किया होता तो ? हम संदेशखाली की महिलाओं के साथ के अत्याचार से लेकर कर्नाटक के ताजा सेक्सकैडंल में पिडीत महिलाओं से लेकर वुलगढी, बलरामपुर तथा बिल्किस बानो के साथ हुई बाईस साल पहले की घटना से लेकर अब तक की सभी घटनाओं को लेकर उतने ही दुखी या शर्मिंदा है ! जितने कि विश्व के कोने में किसी भी महिला के साथ होने वाले अत्याचार से होते है ! आप लोगों के जैसे सिलेक्टिव्ह नही है !


क्योंकि आप लोग सावरकर के भक्त होने की वजह से, उन्होंने अपने लेखन और भाषणों में छत्रपति शिवाजी महाराज और वसई के पेशवा चिमाजी अप्पा बळवंत को युद्ध मे जिति हुई शत्रूओ की महिलाओं को ससम्मानित करते हुए, उन्होंने उन महिलाओं को उनके परिजनों के पास सुरक्षित रुप से पहुंचाने की व्यवस्था की थी ! तो सावरकर ने शिवाजी महाराज और चिमाजी अप्पा की घोर आलोचना करते हुए, कहा कि “शत्रुओं की महिला भले ही वृद्ध हो या बालिका उन्हें भ्रष्ट करना चाहिए ! ” ऐसे सावरकर को पढ़ने के बाद कौन सा स्वयंसेवक संघ की शाखाओं से कैसे तैयार होगा ? और वह स्वयंसेवक भाजपा के नेतृत्व में जाने के बाद कौन सा महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रयोग करेगा ?
वैसे ही कर्नाटक के प्रज्वल गौड़ा के वासनाकांड के पेनड्राइव की बात ! भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के नजर में दिसंबर के महिने में ही अन्य भाजपा सदस्यों ने लाई थी ! लेकिन सत्ता की वासना में चूर, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने, इस बात को अनदेखी करते हुए ! देवेगौड़ा के साथ अलायंस किया ! और प्रज्वल को अपने दादाजी पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा की पारंपरिक सिट हसन से लोकसभा के लिए टिकट भी दिया है ! लेकिन सबसे बड़ा तुर्रा यह है, कि जनता दल सेक्युलर ने प्रज्वल को पार्टी से निष्कासित कर दिया तो! अमित शाह गुवाहाटी में चिल्ला – चिल्ला कर कह रहे हैं, कि “भाजपा हमेशा हमारे देश की मातृशक्ति के साथ है !
तो मैं अमित शाह से पुछना चाहता हूँ, कि” मणिपुर की महिला या वुलगढी की तथा उत्तर प्रदेश की अन्य पिडीत महिला और गुजरात दंगों में अत्याचारित महिलाएं हमारे देश की मातृशक्ति मे शामिल नहीं हैं ? कौन-सी मातृशक्ति की बात आप और प्रधानमंत्री कर रहे हो ? या सिर्फ चुनाव प्रचार में बोलने के जुमले है ? और वास्तविकता कुछ और है ?

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