स्कूल फीस को नियंत्रित करने के लिए प्रदेश सरकार को पहल करना चाहिए। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 4 महीने पहले कह चुके हैं कि स्कूलों को ट्यूशन फीस लेना चाहिए लेकिन उसके ऊपर कोई क्रियान्वयन नहीं हो रहा है मामला कोर्ट में होने के कारण पेरेंट्स भी इसे लेकर परेशान हैं, वहीं स्कूल अपना दबाव बनाए जा रहे हैं।
संयुक्त संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष शमशुल हसन बल्ली का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर भी पेरेंट्स और बच्चे दोनों परेशान हैं, क्योंकि उन्हें अपने बच्चों की आंखें खराब होने का खतरा बना हुआ है वहीं बच्चे भी यह कह रहे हैं कि हमें पढ़ाई ऑनलाइन समझ नहीं आ रही है। हसन ने कहा कि मामला कोर्ट में होने के कारण किसी भी स्कूल को यह अधिकार नहीं है कि वह बच्चों के पेरेंट्स के ऊपर फीस को लेकर कोई दबाव बनाएं। लेकिन स्कूलों द्वारा लगातार फीस की मांग पेरेंट्स से की जा रही है। इसे लेकर कई बार पेरेंट्स एसोसिएशन भी स्कूल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल चुकी है लेकिन उसके बाद भी कोई निराकरण नहीं हो पा रहा। ऐसे समय में मुख्यमंत्री को कलेक्टर के माध्यम से स्कूल प्रबंधन के लिए कोई गाइडलाइन जारी करना चाहिए, जिससे कि पेरंट्स और बच्चे परेशान न हों। संयुक्त संघर्ष मोर्चा की इस पत्रकारवार्ता में सैयद अमीनुद्दीन, मुजाहिद मोहम्मद खान, शेख आबिद मामा, मोहम्मद सगीर खान आदि भी मौजूद थे।
खान अशु, भोपाल ब्यूरो