विश्व सिनेमा के इतिहास में सबसे ज्यादा चर्चित और महत्वपूर्ण फिल्मकारों में शुमार ज्यां लुक गोदार ने 91 साल की उम्र में बीमारियों से तंग आकर स्विट्जरलैंड में इच्छा मृत्यु का वरण कर लिया.

विश्व सिनेमा के इतिहास में सबसे ज्यादा चर्चित और महत्वपूर्ण फिल्मकारों में शुमार ज्यां लुक गोदार ने 91 साल की उम्र में बीमारियों से तंग आकर स्विट्जरलैंड में इच्छा मृत्यु का वरण कर लिया. दुनिया के यदि किसी एक फिल्मकार की कही गयी बातों को सबसे ज्यादा दोहराया गया, तो वह गोदार ही थे. उनके ये सुप्रसिद्ध कथन हर पीढ़ी के फिल्मकारों को प्रेरित करते रहे हैं कि ‘फिल्म का आरंभ, मध्य और अंत होना चाहिए, पर जरूरी नहीं कि यह इसी क्रम में हो’ या ‘सिनेमा न तो सत्य है, न गल्प, बल्कि यह कुछ कुछ इन दोनों के बीच की चीज है’ या फिर ‘यदि आप फिल्म बनाना चाहते हैं, तो आपके पास एक लड़की और एक बंदूक होनी चाहिए.’ उन्होंने न सिर्फ फिल्म संपादन में ‘जंप कट’ को प्रमुखता दी, बल्कि पारंपरिक पटकथाओं (आरंभ, मध्य और अंत) को भी बदल दिया. अपनी हर फिल्म में उन्होंने खुद को ही कला में बदल दिया. उन्हें खूब व्यावसायिक सफलता भी मिली. हालांकि उनकी बाद की फिल्मों को समझने के लिए दर्शकों को काफी मशक्कत करनी पड़ी.

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