नई दिल्ली : जीएसटी से जुड़ी समस्याओं को लेकर जीएसटी लागू होने से पहले और बाद में भी विरोध होते रहे हैं. लेकिन अब जीएसटी से जुड़ी एक ऐसी समस्या सामने आई है, जिसके बारे में जानकार आप हैरान हो जाएंगे. जीएसटी के कारण किसानों और व्यापारियों को पड़ने वाला फर्र्क तो समझ में आता है लेकिन इसके कारण भगवान भूखे रह जाएं, ये सोचकर हैरानी ही होती है. लेकिन ये सच है.
दरअसल, ये मामला है राजस्थान के उदयपुर का. यहाँ के छह मंदिरों में पिछले पांच दिनों से भगवान का भोग नहीं लग पाया है. बताया जा रहा है कि देवस्थान विभाग की लापरवाही के कारण मंदिरों तक भोग सामग्री नहीं पहुँच पा रही है. देवस्थान विभाग का कहना है कि जीएसटी के कारण सहकारी उपभोक्ता भंडार से भोग सामग्री नहीं मिल पा रही है. वहीं, भंडार के अधिकारी देवस्थान विभाग पर झूठ बोलने का आरोप लगा रहे हैं.
उदयपुर के छह मंदिर, जगत शिरोमणि मंदिर, मंदिर श्री श्याम सुंदरजी, वृंदावन चंद्रमाजी, मंदिर श्री मदन मोहनजी, मथुराधीशजी और गोकुल चंद्रमा जी मंदिर राजकीय आत्मनिर्भर श्रेणी के अंतर्गत आते हैं. इन मंदिरों की देखरेख का जिम्मा देवस्थान विभाग का है. देवस्थान विभाग का आरोप है कि 8 जुलाई के बाद भी जुलाई महीने का भोग मंदिर में नहीं पहुंच पाया है, जबकि ये 30 जून तक मंदिरों के पास पहुंच जाना चाहिए था. भोग सामग्री नहीं पहुंच पाने के कारण मंदिर के पुजारी भगवान को भोग नहीं लगा पा रहे हैं. खबर सामने आने के बाद देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त जतिन गांधी का कहना था कि जीएसटी वेरिफिकेशन की वजह से उपभोक्ता भंडार से भोग के लिए सामान नहीं मिल पाया. लेकिन अब हम किसी भी तरह से व्यवस्था कर के सोम-मंगलवार तक दो दिन की भोग सामग्री मंदिरों में भेज देंगे.
वहीं, सहकारी उपभोक्ता भंडार देवस्थान विभाग के आरोपों को सिरे से खारिज कर रहा है. उदयपुर सहकारी उपभोक्ता भंडार के महाप्रबंधक आशुतोष भट्ट का कहना है कि जीएसटी की वजह से ग्राहकों को सामान नहीं देने का आरोप गलत है. सभी 17 भंडारों से हर रोज सेल हो रही है. अगर देवस्थान विभाग ठाकुरजी के लिए सामान लेने आता तो हम जरूर देते.