लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण का मतदान 19 मई को होना है लेकिन उसके पहले ही तमाम सियासी दलों ने न सिर्फ अपनी जीत के दावे किये हैं बल्कि सरकार बनाने की बात कहते नज़र आ रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ देश में राजनीतिक समीकरण भी तेजी से बदल रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद अपने एक दिन पहले दिए उस बयान से पलट गए जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र से एनडीए सरकार हटाने के लिए उनकी पार्टी पीएम पद का ‘त्याग’ कर सकती है.
गुलाम नबी आजाद ने आज अपने बयान से ने यू-टर्न लेते हुए कहा कि यह सच नहीं है कि कांग्रेस पार्टी पीएम पद के लिए दावेदारी नहीं पेश करेगी. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है और अगर 5 साल सरकार चलाना है तो जाहिर है कि सबसे बड़ी पार्टी को ही मौका मिलना चाहिए. इसके साथ ही उन तमाम खबरों और अटकलों पर विराम लग गया जिनमें कहा गया था कि कांग्रेस पीएम पद की दावेदारी की इच्छुक नहीं है या फिर कांग्रेस पीएम पद पर दावा पेश नहीं करेगी.
Ghulam Nabi Azad, Congress: No, this is not true that Congress will not claim or Congress is not interested in Prime Minister post. Of course we are the biggest and oldest political party. If we have to run the govt for five years biggest political party should be given a chance. pic.twitter.com/g31TFMHtJc
— ANI (@ANI) May 17, 2019
गौरतलब है कि गुरुवार को गुलाम नबी आजाद ने एक बयान में कहा था कि’हमारा लक्ष्य हमेशा यह रहा है कि एनडीए की सरकार सत्ता में वापस नहीं लौटनी चाहिए. हम सर्वसम्मति से लिए गए फैसले के साथ जाएंगे. जब तक हमें पीएम पद का ऑफर नहीं किया जाता, हम कुछ नहीं कहेंगे.’ हालांकि एक दिन बाद ही कांग्रेस अपने बयान से पलट गई. अब ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि गुलाम नबी आजाद के बयान के बाद महागठबंधन में शामिल दलों की क्या प्रतिक्रिया होती है.
आपको बता दें कि टीएमसी की ममता ममता बनर्जी, बसपा की मायावती सहित कई क्षेत्रीय दलों के नेता पीएम बनने की मनसा जाता चुके हैं. कहा तो यह भी जाता है कि अगर यूपीए को 2019 लोकसभा चुनाव में ठीक-ठाक सीटें मिलती हैं तो घटक दलों के नेताओं के बीच पीएम पद की उम्मीदवारी को लेकर उठापटक देखने को मिल सकती है.