नई दिल्ली (ब्यूरो, चौथी दुनिया)। अपने जन्म प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़े करने की वजह से गिरफ्तार हुए बिहार बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में टॉप करने वाले गणेश कुमार ने बताया कि किन परिस्थितियों में उन्होंने ये कदम उठाया। उन्होंने कहा कि अपने ऊपर 15 लाख रुपये के कर्ज को चुकाने के लिए ऐसा किया। गणेश इस बिहार के वक्त बऊर जेल में बंद हैं और उनका रिजल्ट भी निरस्त कर दिया गया है।
गणेश ने अपनी उम्र इसलिए छिपाई ताकि वो प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा ले सकें। उन्होंने बताया कि वह 15 लाख रुपये के कर्जे में डूबे हुए थे और अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए भी पैसे चाहिए थे। गणेश ने कहा, ‘मैं प्रतियोगी परीक्षाओं को पास करके सरकारी नौकरी हासिल करना चाहता था ताकि कर्ज चुका सकूं लेकिन मेरी उम्र इसमें बड़ा रोड़ा थी। इसलिए मैंने नई पहचान पाने के लिए दसवी की परिक्षा दी।
हांलाकि एक और थ्योरी है जो इसके जिसकी जानकारी मिल रही है। गणेश साल 2013 में बिहार आने से पहले कोलकाता की एक कंपनी में काम किया करते थे। आरोप है कि गणेश ने अपनी कंपनी का भी 15 लाख रुपया गबन किया था। लेकिन गणेश इन आरोपों को मानने से इनकार कर रहे हैं और कंपनी को ही फ्रॉड बता रहे हैं। गणेश का कहना है कि जैसे ही कोलकाता की चिटफंड कंपनी ने अपना ऑफिस बंद किया, वैसे ही वो लोग मेरे पास आ गए जिन्होंने मेरे जरिए पैसे जमा किए थे। गणेश के मुताबिक लोगों का पैसा चुकाने के लिए वो नए सिरे से पढ़ाई करके नौकरी पाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि वो किसी कि भी मदद से टॉपर नहीं बने।