तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री ई. पलानीसामी के लिए आज का दिन एक यादगार के तौर पर दर्ज हो गया है। मुख्यमंत्री पलानीसामी अपनी कुर्सी को बचाने में कामयाब रहे और अब पलानीसामी ही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। पलानीसामी ने आज विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर दिया है। उनके पक्ष में 122 वोट पड़े.
आज के अपडेट
तमिलनाडु विधानसभा में मुख्यमंत्री पलानीस्वामी के कॉन्फिडेंस मोशन पर वोटिंग के दौरान जमकर हंगामा हुआ. इस दौरान डीएमके विधायक स्पीकर की कुर्सी पर चढ़ गए. उन्होंने विधानसभा में कुर्सियां और माइक भी तोड़ दिए. हंगामा कर रहे विधायक गोपनीय मतदान की मांग पर अड़े थे. वहीं कुछ विधायक पन्नीरसेल्वम के समर्थन में नारे लगा रहे थे.
डीएमके के एक विधायक कूका सेल्वम स्पीकर की कुर्सी पर चढ़ गए और हंगामा करने लगे. आखिर में स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी. विवाद पन्नीरसेल्वम के इस बयान से शुरू हुआ, जब उन्होंने कहा, विधायकों को बंधक बनाकर रखा गया था. पहले लोगों की आवाज सुनी जाए, तभी विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना चाहिए. वहीं स्पीकर इस बात पर अड़े रहे कि वोट कैसे हो, यह मेरा विशेषाधिकार है. इसमें कोई दखल नहीं दे सकता. स्टालिन ने भी आरोप लगाया कि पलानीसामी खेमे के विधायकों को विधानसभा में इस तरह लाया गया, जैसे वे कैदी हों. स्पीकर पी धनपाल ने भरोसा दिलाया है कि विधायकों को पूरी सुरक्षा दी जाएगी.
पलानीसामी ने गुरुवार को शपथ ली है. राज्य में 29 साल बाद ऐसा मौका आया है, जब फ्लोर टेस्ट हो रहा है. तमिलनाडु के हालात ऐसे हैं कि जयललिता के निधन के बाद आय से अधिक संपत्ति के मामले में शशिकला जेल में हैं. उनके बाद पलानीस्वामी को सीएम बनाया गया है. विधानसभा में कुल 234 सीटें हैं. एआईएडीएमके के पास 135 और डीएमके पास 89 सीटें हैं. पलानीस्वामी को सरकार बचाए रखने के लिए 118 विधायकों का सपोर्ट चाहिए.
- तमिलनाडु विधानसभा के प्रेस रुम में रखे ऑडियो स्पीकर का कनेक्शन काटा गया
- पन्नीरसेल्वम ने स्पीकर से मांग की है कि फ्लोर टेस्ट से पहले विधायकों को उनके विधानसभा इलाके में जाने का मौका दिया जाय। लोगों का मन जानने के बाद ही शक्ति परिक्षण कराया जाए.
- पनीरसेल्वम खेमे के बाद कांग्रेस ने भी गुप्त मतदान की मांग की।
- फ्लोट टेस्ट एक दिन के लिए टालने की DMK की मांग खारिज
- स्टालिन ने कहा था कि सदन में शक्ति परीक्षण किसी अन्य दिन कराया चाहिए, इसके लिए राज्यपाल ने 15 दिन का समय दिया है
- स्पीकर ने गुप्त मतदान की मांग खारिज की
- विधानसभा परिसर के सभी दरवाजे बंद किए गए
- पन्नीरसेल्वम खेमे ने गुप्त मतदान की मांग की
- तमिलनाडु विधानसभा में ना घुसने देने पर मीडियाकर्मियों और पुलिसवालों के बीच झड़प
- सदन में पन्नीरसेल्वम को मिला डीएमके का समर्थन
- सदन में DMK का हंगामा
- तमिलनाडु विधानसभा का विशेष सत्र शुरू, पलानीस्वामी ने पेश किया विश्वासमत प्रस्ताव
- सीएम पलानीस्वामी ने मजदूर नेता सिंगरावेलार को 158वीं जयंती पर दी श्रद्धांजलि
- कांग्रेस ने किया पलानीस्वामी के खिलाफ वोटिंग का ऐलान
- डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन विधानसभा पहुंचे
कोयंबटूर उत्तर से विधायक अरुण कुमार ने पलानीसामी का खेमा छोड़ने का ऐलान किया है। उन्होने फ्लोर टेस्ट में मतदान से दूर रहने की बात कही है। इधर पनीरसेल्वम अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं पलानीसामी को सीएम की कुर्सी तक पहुंचने में रोकने से, उन्होने अपने समर्थकों से अपील की कि पलानिसामी के खिलाफ वोट करें।
तमिलनाडु विधानसभा में 234 सदस्य हैं। बहुमत साबित करने के लिए 118 विधायकों की जरूरत है। पलानीसामी का दावा है कि उनके पास 124 विधायकों का समर्थन है। अरुण कुमार के कदम पीछे करने के बाद पलानीसामी के पास 123 विधायकों का समर्थन हैं। सबकी निगाहें तमिलनाडु के फ्लोर टेस्ट पर लगी हुई हैं।