Fake Chinese parts in Indian Bofors gun, compromise with indian security

नई दिल्ली: भारत देश की रक्षा में तैनात रहकर दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए जिस धनुष तोप को पूरी दुनिया में जाना जाता है उसमें अब चीन के बने नकली कलपुर्जों के इस्तेमाल का मामला सामने आया है. इन नकली चीनी पुर्जों को मेड इन जर्मनी बताकर धनुष के असली पुर्जों की जगह पर लगाया जा रहा था जिससे देश की सुरक्षा को बट्टा लग सकता था.

इस मामले में सीबीआई ने दिल्ली आधारित एक कंपनी ‘सिद्ध सेल्स सिंडीकेट’ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। सीबीआई ने गंस कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ भी आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया है।

सीबीआई ने आरोप लगाया कि आपूर्तिकर्ता ने धनुष तोपों के निर्माण में इस्तेमाल के लिए नकली कल-पुर्जे की आपूर्ति को लेकर अज्ञात जीसीएफ अधिकारियों के साथ आपराधिक साजिश रची। जांच एजेंसी ने प्राथमिकी में कहा, जीसीएफ के अज्ञात अधिकारियों ने चीन में बने ‘वायर रेस रोलर बियरिंग्स’ को स्वीकार कर लिया। इसकी आपूर्ति सिद्ध सेल्स सिंडिकेट की ओर से सीआरबी-मेड इन जर्मनी के तौर पर की गई थी।

प्राथमिकी में कहा गया है कि ऐसी चार बियरिंग के लिए निविदा जारी की गई थी। 2013 में 35.38 लाख रुपये मूल्य का ऑर्डर सिद्ध सेल्स सिंडिकेट को दिया गया। सात अगस्त, 2014 को ऑर्डर बढ़ाकर छह बियरिंग का कर दिया गया जिसका मूल्य 53.07 लाख हो गया। कंपनी ने सात अप्रैल, 2014 और 12 अगस्त, 2014 के बीच तीन मौकों पर दो-दो बियरिंग की आपूर्ति की गई।

बता दे कि धनुष तोप भारतीय सीमा पर तैनात रह चुकी बोफोर्स तोप का अपग्रेडेड वर्जन है जो भारत में ही तैयार किया जाता है. धनुष भारत की पहली स्वदेशी तोप है। 1260 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट में 414 तोपें बनेंगी। यह तोप बोफोर्स तोप से कहीं ज्यादा दूरी की मारक क्षमता के साथ आती है साथ ही इसका रख-रखाव भी काफी आसन है.

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