डाटा चोरी को लेकर वैश्विक स्तर पर जारी चर्चा के बीच एक बड़ी खबर आ रही है कि फेसबुक ने मोबाइल फोन बनाने वाली 60 कंपनियों के साथ डाटा शेयरिंग का समझौता किया है. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक खबर के मुताबिक, फेसबुक ने एप्पल, अमेजन, ब्लैकबेरी, माइक्रोसॉफ्ट और सैमसंग जैसी कंपनियों के साथ केवल उपभोक्ता ही नहीं, उनके दोस्तों की जानकारियां भी साझा की थी. फेसबूक द्वारा यूजर्स की निजता को खतरे में डालने का यह खुलासा ऐसे वक्त में हुआ है, जब फेसबुक पहले से ही 8.7 करोड़ लोगों के डाटा को गलत तरीके से शेयर करने के मामले में फंसा हुआ है.

इस खबर के सामने आने के बाद एप्पल की तरफ से कहा गया है कि कंपनी सोशल नेटवर्क पर तस्वीरें पोस्ट करने वाला फीचर उपभोक्ता को उपलब्ध कराने के लिए फेसबुक द्वारा उपबल्ध कराए निजी डेटा पर निर्भर है, हालांकि पिछले साल सितंबर के बाद से हमारे फोन में डाटा तक इस तरह की पहुंच नहीं है. वहीं सैमसंग और अमेजन ने डाटा शेयरिंग पार्टनरशिप को लेकर जवाब देने से इनकार कर दिया है. हालांकि फेसबुक ने इन आरोपों से इंकार किया है. फेसबुक की तरफ से कहा गया है कि हमारे साझेदार अपनी डिवाइस के जरिए यूजर के फेसबुक फीचर में बिना उनकी इजाजत के दाखिल नहीं हो सकते.

फेसबुक ने इन समझौतों का भी बचाव किया है और कहा है कि इससे किसी भी तरह से निजता को खतरा पैदा नहीं हुआ. फेसबुक की तरफ से कहा गया है कि हमारे कुछ पार्टनर यूजर्स और दोस्तों का डाटा अपने सर्वर पर स्टोर नहीं करते हैं. जहां भी डाटा रखा जाता है, उसका संचालन कंपनियों के बीच हुए सख्त समझौतों के तहत होता है. हालांकि इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद फेसबुक के दावे बस बचाव के ही शस्त्र रह गए हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि डाटा शेयरिंग की डील के जरिए फेसबुक को अपना दायरा बढ़ाने में मदद मिली और डिवाइस बनाने वाली कंपनियों को उपभोक्ताओं को लुभाने वाले लाइक, मैसेज और एड्रेस बुक जैसे फीचर प्रदान करने का मौका मिला, जिसका बेजा इस्तेमाल किया गया.

Adv from Sponsors

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here