आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में लाइव स्ट्रीमिंग की इजाजत दे दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि लाईव स्ट्रीमिंग अयोध्या और आरक्षण को छोड़कर अन्य केसों में की जा सकती है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने जनवरी में याचिका दाखिल करके लाइव स्ट्रीमिंग की मांग की थी. उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि संवैधानिक मामले से संबंधित और राष्ट्र महत्व के मुद्दे को लेकर देश न्यायपालिका में क्या चल रहा है ये जानने का अधिकार हिन्दुस्तान की जनता को है.
सुप्रीम कोर्ट ने बीते 24 अगस्त को इस मुद्दे को लेकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. बता दें कि इस संविधान पीठ ने मुख्य न्यायधीश जस्टीस दीपक मिश्रा, जस्टीस ए एम खानविलकर और जस्टीस डीवाई चन्द्रचूड़ शामिल हैं.
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ये भी कहा कि लाइव स्ट्रीमिंग के लिए हमें तय नियम-कानून बनाने की आवशयकता है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि लाइव स्ट्रीमिंग से न्यायपालिका की जवाबदेही बढ़ेगी, जिससे हमारा न्यायतंत्र मजबूत होगा और कोर्ट रुम में भीड़ भी कम होगी.
आपको बता दें कि लाइव स्ट्रीमिंग का ये मामला पिछले कई दिनों से चर्चा का विषय बना हुआ था जिसे लेकर सियासी गलियारों में भी गरमा-गरम बहस जारी थी, लेकिन आखिरकार आज सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सुनवाई के दौरान लाइव स्ट्रीमिंग की इजाजत देकर न्यायपालिका को मजबूत करने के संकेत दे दिए है.