बिहार में शायद इस से अधिक जंगल राज कभी नही था ना होगा। अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ गया है की छपरा में छापेमारी करने गयी पुलिस को अपराधियों ने AK47 से छलनी कर दिया। इस गोलीबारी में मौके पर ही एक दारोगा और कांस्टेबल की मौत हो गई है। मामला सारण जिले के मढ़ौरा मुख्य बाजार में बस स्टैंड के पास का है। जहाँ मंगलवार की शाम करीब 6:18 बजे पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआइटी) की गाड़ी पर अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी, जिससे दारोगा मिथिलेश कुमार और हवलदार फारूख अहमद की मौके पर ही मौत हो गयी। वहीं, सिपाही रजनीश कुमार घायल हो गये।
घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी पुलिसकर्मियों की एक एके-47 और एक नाइन एमएम की पिस्टल लूट कर फरार हो गये। घायल सिपाही रजनीश काे पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया है। उनके पैर व हाथ में फ्रैक्चर है। बताया जा रहा है कि जिले के गड़खा इलाके में कुछ दिनों पहले हुई डकैती की घटना की जांच करने के लिए एसआइटी बनायी गयी थी। इसमें शामिल दारोगा मिथिलेश कुमार समेत पांच जवान इस मामले में कुछ स्थानों पर छापेमारी करके लौट रहे थे। जैसे ही उनकी गाड़ी मढ़ौरा बस स्टैंड के नजदीक पुराने स्टेट बैंक के पास से गुजरी, अपराधियोंं ने अचानक अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जवानों को संभलने का मौका ही नहीं मिला।
गोली लगने से गाड़ी में ही दारोगा मिथिलेश कुमार व हवलदार फारूख अहमद की मौत हो गयी। फायरिंग होते ही बाजार में अफरा-तफरी मच गयी। देखते-देखते ही दुकानदाराें ने अपनी-अपनी दुकान बंद कर दी। सूचना मिलते ही मढ़ौरा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची, तो देखा कि एसआइटी की बोलेरो गाड़ी में दारोगा मिथिलेश कुमार व हवलदार फारूख मृत पड़े हैं, जबकि सिपाही रजनीश कुमार घायल अवस्था में छटपटा रहे हैं।
एके-47 से फायरिंग करने की चर्चा :
एसआइटी की टीम पर अपराधियों द्वारा एके-47 से फायरिंग करने की चर्चा है। खबर मिलते ही डीआइजी विजय वर्मा व एसपी हरिकिशोर राय मौके पर पहुंचे और जांच-पड़ताल शुरू की। जिले की सीमा को सील कर दिया गया। इसके पूर्व में 22 दिसंबर, 2014 को इसुआपुर के थानाध्यक्ष संजय कुमार तिवारी की बैंक लुटेरों ने श्यामकौरिया में गोली मार हत्या कर दी थी।