टला टली का दौर चल रहा है… देश का सर्वोच्च सदन कार्यवाही से टल गया…! प्रदेश में होने वाला शहर सरकार का चुनाव टल गया…! प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए होने वाली बैठक टल गई है…! आसार ये बन रहे हैं कि सत्र भी टल जाएगा….! टला टली के इस दौर में Corona को मिली, वह छुट्टी भी कैंसिल हो सकती है, जो चुनाव आने की संभावनाओं के चलते दे दी गई थी….! विधानसभा कार्यवाही को संचालित करने वाले कर्मचारी बड़ी संख्या में संक्रमित हैं… आधे से ज्यादा विधायक मंत्री भी वायरस से गुत्थम गुत्था हैं या हो चुके हैं…! नए वायरस को लेकर प्रदेश में बड़ी तादाद में लोग विदेश से आ चुके हैं…! पिछले कई दिनों से काबू में आ चुके Corona के घोड़े की लगाम फिर बेलगाम हो सकती है…! रात का कर्फ्यू, देर तक दुकानें खुली रहने की छूट और सारी रात टहलने के हालात फिर बदल सकते हैं…! क्योंकि चुनाव नहीं तो ढिलाई नहीं…! अब न चुनावी सभाएं हैं, ना रैलियां जुलूस हैं, ना मंत्री नेताओं को घर घर जाना है… तो फिर किसी आशंका को फ़िज़ूल पालकर रखना नाहक भी है, घातक भी है….! टला टली के दौर में स्कूलों को खोलने की अनुमति भी टल सकती है और जरूरत पड़ी तो लोगों को घरों से निकलने की इजाज़त भी टल सकती है…! मुस्कुराते रहो बाबू आप सियासी Corona की चपेट में हैं…! चंद दिनों बाद सिर्फ कैलेंडर पर साल बदलने वाला है, हालात तभी बदलेंगे जब सियासी समीकरण ठीक होंगे…!

सियासी साहब

कहने को विभाग का नाम सामाजिक न्याय है। यहां के काम नाम से एकदम विपरीत। बेईमानी की सजा भुगत रहे एक चालबाज अफसर की विभाग में वापसी हुई है। वापसी का रास्ता बनाने के लिए ईमानदार अफसरों की फौज को यहां से सरकाने का दौर जारी है। नेता जी और विभाग मुखिया की पुरानी खटपट ने इन प्रयासों को आसान बना दिया है।

खान अशु

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