डीएमके का अध्यक्ष बनते ही एमके स्टालिन ने मोदी सरकार के खिलाफ तीखे वार करना शुरू कर दिया है. स्टालिन ने मंगलवार को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने सारी संस्थाओं को नष्ट कर दिया है और हमें इनको सबक सिखाना होगा.
डीएमके की आम बैठक में ताजपोशी के बाद स्टालिन ने कहा, ‘आज देश की स्थिति काफी खराब हो चुकी है. सांप्रदायिक ताकतें शिक्षा, साहित्य, धर्म, कला सभी चीज़ों पर हमला कर रही हैं. केद्र सरकार राज्यपालों के चुनाव से लेकर न्यायपालिका तक को अस्थिर करना चाहती है. ‘उन्होंने द्रमुक कार्यकर्ताओं से जनविरोधी व रीढ़विहीन अन्नाद्रमुक सरकार को तमिलनाडु से उखाड़ फेंकने की अपील की.
स्टालिन ने कहा कि द्रमुक द्रविड़ आइकन ई.वी. रामास्वामी ‘पेरियार’ के सामाजिक न्याय की नीतियों से विमुख नहीं होगी. द्रमुक के ईश्वर विरोधी नहीं होने की घोषणा करते हुए स्टालिन ने कहा कि पार्टी पेरियार की तर्कवादी नीति से पीछे नहीं जाएगी.
स्टालिन ने भरोसा दिया कि द्रमुक का नया नेतृत्व पार्टी सदस्यों व समर्थकों के विचार को प्रदर्शित करेगा. उन्होंने स्वीकार किया कि अपने दिवंगत पिता की तरह तमिल भाषा पर उनकी पकड़ नहीं है. स्टालिन ने कहा, “मेरे पास हर चीज के लिए कोशिश करने का स्वभाव है.” उन्होंने कहा कि अब से वह एक अलग स्टालिन हैं और वे द्रमुक व तमिलनाडु को एक नए भविष्य की ओर ले जाएंगे.
बता दें कि स्टालिन को उनके पिता एम करुणानिधि के निधन के बाद पार्टी अध्यक्ष चुना गया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने द्रमुक के नवनियुक्त अध्यक्ष एमके स्टालिन को इस नयी जिम्मेदारी की बधाई दी है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘एमके स्टालिन को द्रमुक का अध्यक्ष चुने जाने की बधाई. मैं उनके राजनीतिक सफर में नये अध्याय की शुरुआत होने पर उनकी खुशहाली और सफलता की कामना करता हूं.