भोपाल। नगर निगम की उद्दंडता और वरिष्ठों के आदेशों को ठेंगा दिखाने के हालात यह हैं कि संभागायुक्त द्वारा किए गए एक आदेश को उसने कचरा टोकरी दिखा दी है। दो महीने से ज्यादा गुजर जाने के बाद न तो इस आदेश पर अमल हो पाया है और न ही निगम कर्मचारियों-अधिकारियों ने निर्देशित अवैध वसूली को रोका है। मामले को लेकर संभागयुक्त को दोबारा शिकायत करने की तैयारी की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक संभागयुक्त भोपाल ने 1 जुलाई 2020 को निगम आयुक्त को लिखी एक चिट्टी में निर्देशित किया था कि निगम के झोन 4 के जोनल अधिकारी और वार्ड 18 के कर्मचारियों द्वारा वक्फ कब्रस्तान पर स्थित नवबहार सब्जी मंडी से लगातार अवैध रूप से वसूली की जा रही है। जिसको लेकर उक्त वक्फ की प्रबंधन कमेटी और मप्र वक्फ बोर्ड द्वारा शिकायतें की जा रही हैं। संभागायुक्त ने उक्त स्थिति पर तत्काल रोक लगाकर उन्हें इस बारे में अवगत कराने की हिदायत दी थी। लेकिन सूत्रों का कहना है कि करीब दो महीने से अधिक समय गुजर जाने के बाद न तो निगम कमिश्रर ने इस अवैध वसूली पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं और न ही जोन और वार्ड के अधिकारियों-कर्मचारियों ने अपनी डंडा चलाई बंद की है।
इस मामले को लेकर वक्फ प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद नईम ने संभागयुक्त को दोबारा शिकायत कर मौजूदा हालात से अवगत कराने की तैयारी की है। नईम ने कहा कि नगर निगम बरसों से इस वक्फ जायदाद से अवैध वसूली कर रहा है। वक्फ बोर्ड से लेकर वक्फ ट्रिब्यूनल और जिला प्रशासन तक मौजूदा दस्तावेजों के आधार पर इस बात को स्वीकार कर चुका है कि उक्त संपत्ति मप्र वक्फ बोर्ड के अधीन है और इसपर नगर निगम उस समय केयरटेकर की हैसियत से मौजूद था, जब मप्र वक्फ बोर्ड का गठन नहीं हुआ था। नईम ने कहा कि वक्फ बोर्ड के वजूद में आने के बाद नगर निगम की जिम्मेदारी के कब्रस्तानों की देखरेख और उनके विकास के काम वक्फ बोर्ड और उसके द्वारा बनाई गईं कमेटियों के जिम्मे हो चुके हैं, लेकिन नगर निगम भोपाल दस एकड़ से ज्यादा इस जमीन, जो राजधानी के कमर्शियल इलाके में स्थित होकर करोड़ों रुपए की कीमत रखता है, से कब्जा छोडऩे को तैयार नहीं है। इसी आधार पर वह बरसों से अवैध वसूली कर हर दिन हजारों रुपए कमा रहा है। उन्होंने बताया कि यह जानकारी भी मिली है कि निगम के जोन और वार्ड अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा की जा रही यह वसूली निगम के खजाने तक पहुंचने के बजाए नेताओं और अधिकारियों के जेब में जा रही है।
फर्जी कमेटी ने कर दी नियुक्ति
राजधानी के श्यामला हिल्स इलाका में स्थित वक्फ मस्जिद असमा के ईमाम को जारी किए गए नोटिस पर निर्धारित समय सीमा में जवाब न दिए जाने पर उनकी नियुक्ति निरस्त कर दी गई है। मस्जिद प्रबंधन कमेटी ने जारी किए गए नोटिस में उल्लेख किया है कि मस्जिद के ईमाम को अवैध रूप से छपाए गए रसीद कट्टों के आधार पर वे चंदा कर रहे हैं और इसका हिसाब भी मस्जिद प्रबंधन कमेटी को नहीं दे रहे हैं।
इस स्थित के चलते उनको मस्जिद में ईमामत की इजाजत नहीं दी जा सकती। ईमाम द्वारा निर्धारित समयसीमा में इस नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया, जिसके बाद उनके बर्खास्त करने की कार्यवाही की गई है। इस मामले को लेकर मप्र वक्फ बोर्ड को भी सूचित कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस मस्जिद की देखरेख और कार्यवाही संचालित करने के लिए गठित की गई कमेटी के कुछ लोग भी ईमाम के साथ मिलकर अवैध वसूली में सहयोग कर रहे हैं। इस कमेटी द्वारा यहां बनाए गए स्मार्ट रोड के दौरान मस्जिद के वजूद को खतरे में डालने की कोशिश भी की गई है। मामले को लेकर मप्र वक्फ बोर्ड में शिकायत करते हुए जानकारी पहुंचा दी गई है, जिसपर शीघ्र कार्यवाही होने की उम्मीद की जा रही है।
खान आशू, भोपाल (ब्युरो
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