भोपाल। इमाम मुअज्जिन की तनख्वाह और मस्जिदों की देखरेख के लिए बनी मसाजिद कमेटी के ओहदेदारों ने बिना अधिकार मोटी रकम वेतन और भत्तों के नाम पर आहरित कर ली। सरकारी अनुदान से खर्च की गई इस राशि के चलते ईमाम मुअज्जिन की तनख्वाह मुश्किल में आ गई। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने इस मामले की जांच के निर्देश पुलिस अधीक्षक को दिए हैं। साथ ही इसके दोषियों पर कार्यवाही करने की सिफारिश भी की है।
आयुक्त पिछड़ा वर्ग एवम् अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने पुलिस अधीक्षक (उत्तर) को लिखी चिट्ठी में कहा है कि कमेटी में पूर्व पदस्थ रहे अध्यक्ष, सचिव और अन्य पदाधिकारियों ने बिना अधिकार के कमेटी से अपना वेतन आहरित कर लिया है। जबकि नियमानुसार ये पद मानसेवी हैं और इनके लिए किसी तरह के वेतन और भत्ते की पात्रता नहीं है। इस मामले में प्रदेश भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के कार्यालय मंत्री असद मकसूद ने विभाग को चिट्ठी लिखकर इस वित्तीय अनियमितता की शिकायत की थी। साथ ही उन्होंने इस मामले में थाना शाहजहानाबाद में शिकायत भी दर्ज कराई थी। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत के अन्य बिंदुओं पर भी जांच करने हेतु लिखा है। जिसमें कमेटी के पूर्व पदाधिकारियों द्वारा बिना उचित प्रक्रिया अपनाए नायब शहर काजी की नियुक्ति करने की बात कही गई है। असद मकसूद ने कमेटी के पूर्व सचिव एसएम सलमान द्वारा कार्यालय में घुसकर प्रभारी सचिव यासिर अराफात के साथ मारपीट करने और शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने तथा शासकीय नियमों की अनदेखी करने को लेकर भी शिकायत की है।
आर्थिक अनियमितता से बिगड़े हालात
मसाजिद कमेटी के पूर्व सचिव एसएम सलमान द्वारा बिना अधिकार वेतन आहरण करने से ईमाम मुअज्जिन की कई माह की तनख्वाह वितरित करने में मुश्किल का सामना करना पड़ गया। हालांकि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रामखेलावन पटेल के प्रयासों से पूरक बजट के माध्यम से ये वेतन जारी कर दिया है।