सहारा समूह को डायरी मामले में बड़ी राहत मिली है. इनकम टैक्स सेटेलमेंट कमीशन (आईटीएससी) ने सहारा पर लगे आरोपों पर कार्यवाही करने और उसपर जुर्माना लगाने से इंकार कर दिया है. कमीशन ने कहा है कि छापे मे मिले पैसों के लेनदेन के काग़ज़ सबूत नहीं हो सकते. कमीशन ने पहले इस केस को खारिज कर दिया था, लेकिन 5 सितंबर को इसे सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया. ऐसे मामलों में फैसला सुनाने में आयोग को लगभग 18 महीने लग जाते हैं, लेकिन इस मामले में आयोग ने मात्र तीन सुनवाई में ही आना फैसला सुना दिया.
गौरतलब है कि 2014 में सहारा पर छापे में आयकर विभाग को ऐसे कई पन्ने मिले थे जिनमें गुजरात के नरेंद्र मोदी और दूसरे नेताओं को पैसे देने का जिक्र था. नरेंद्र मोदी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे. हाल के दिनों में अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी ने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री को घेरने की कोशिश की थी और उनपर गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए कंपनियों से करोड़ों रुपये का घूस लेने का आरोप लगाया था. हालांकि बाद में उन पन्नों में शीला दीक्षित का नाम होने की खबर के बाद कांग्रेस बैकफुट पर दिखने लगी थी.
सहारा को मिले इस राहत को राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से जोड़ा है. राहुल गांधी के ऑफिस के ट्विटर अकाउंट किए गए ट्वीट में पूछा गया है, यह सहारा को राहत है या मोदी जी को? मोदी जी, आपका मन यदि साफ है तो जांच से क्यों डरते हैं?