सड़कों पर अक्सर एक्सीडेंट्स होते रहते हैं जो काफी गंभीर होते हैं, कभी कभार जब सड़क हादसे होते हैं तो घायल हो जिला अस्पताल ले जाने में काफी समय निकल जाता है ऐसे में अब सड़क हादसे में घायल किसी भी व्यक्ति का इलाज किसी भी निजी अस्पताल में करवाया जा सकता है वो भी बिना एक रुपया खर्च किए हुए, जी हाँ अगर अब दिल्ली में कोई शख्स सड़क हादसे का शिकार होता है तो उसके इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी.
बता दें कि सिल्ली सरकार घायल व्यक्तियों का जो खर्च उठाने वाली है वो सिर्फ सड़क हादसे के घायलों के लिए ही नहीं बल्कि आग और ऐसिड अटैक पीड़ितों के लिए भी लागू रहेगा. इस योजना के ऐलान से दिल्ली वाले काफी खुश नज़र आ रहे हैं क्योंकि अब हादसे की स्थिति में मरीज को पैसों की चिंता करने की ज़रुरत नहीं रहेगी.
मंगलवार को दिल्ली सरकार की कैबिनेट मीटिंग में हुए इस फैसले के बाद हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन ने बताया कि ऐक्सिडेंट विक्टिम स्कीम के तहत ऐक्सिडेंट के शिकार लोगों को सबसे नजदीकी अस्पताल ले जाया जाएगा। अगर ऐक्सिडेंट स्पॉट के सबसे नजदीकी अस्पताल प्राइवेट है तो इलाज वहीं होगा। इसके लिए 340 प्राइवेट अस्पतालों से समझौता किया गया है। इलाज का खर्च सरकार उठाएगी। स्कीम को अप्रूवल के लिए उपराज्यपाल के पास भेजा जाएगा। अब इस योजना को बाद उपराज्यपाल की हरी झंडी मिलने का इंतज़ार है, जैसे ही उनकी रजामंदी हो जाती है यह योजना दिल्ली वालों के लिए शुरू कर दी जाएगी.
Read Also: अब टीवी चैनलों पर सुबह 6 से रात 10 बजे के बीच नहीं दिखाए जाएंगे ये ऐड
जैन ने बताया कि ऐक्सिडेंट होने पर ऑटो या टैक्सीवाले पास में प्राइवेट अस्पताल होते हुए भी मरीज को सरकारी अस्पताल लेकर जाते हैं जिसमें समय लग जाता है। अब इस स्कीम के बाद घायलों को गोल्डन आवर में इलाज मिल सकेगा जिससे बचने की संभावना बढ़ जाएगी। स्कीम लागू करने के लिए ऑटो और टैक्सीवालों को ही इसका ब्रैंड ऐम्बैसडर बनाया जाएगा। सरकार उनके लिए एक ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाएगी जिससे वे इस स्कीम को समझकर लोगों की मदद कर सकें।
हेल्थ मिनिस्टर ने बताया कि ऐक्सिडेंट विक्टिम स्कीम के साथ ही गुड समैरिटन स्कीम को भी लॉन्च कर दिया जाएगा। इसमें घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले शख्स को 2000 रुपये का इनाम दिया जाएगा। गुड समैरिटन स्कीम को उपराज्यपाल की अनुमति पहले ही मिल चुकी है।