सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ विपक्ष संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाने जा रहा है. लेकिन विपक्ष कांग्रेस के समर्थन को लेकर असमंजस में है, क्योंकि कांग्रेस ने अभी अपना स्टैंड क्लियर नहीं किया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर कांग्रेस ने अभी कोई विचार नहीं किया है.
जानकारी मिली थी कि कांग्रेस ने महाभियोग प्रस्ताव का ड्राफ्ट विपक्षी दलों को बांटा है. एनसीपी का दावा है कि कांग्रेस इस पर सहमति दे चुकी है. एनसीपी भी इसका समर्थन करेगी. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने सीजेआई पर प्रेस क्रॉन्फ्रेंस कर गंभीर आरोप लगाए थे.
एनसीपी नेता डीपी त्रिपाठी ने बताया कि महाभियोग प्रस्ताव के ड्राफ्ट पर एनसीपी समेत वाम दल दस्तखत कर चुके हैं. हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि टीएमसी और कांग्रेस भी जरूर इस पर दस्तखत कर देंगे.
लोकसभा में जज के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए 100 सांसद और राज्यसभा में लाने के लिए 50 सांसदों के दस्तखत की जरूरत होती है. सुप्रीम कोर्ट के जज के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव दोनों में से किसी भी सदन में लाया जा सकता है. हालांकि इस प्रस्ताव को स्वीकार करना या खाजिर करना सदन के सभापति पर निर्भर करता है.
मौजूदा ड्राफ्ट में चीफ जस्टिस पर मनमाने तरीके से कुछ जजों को केस आवंटित करने का आरोप लगाया गया है. सीजेआई पर एजुकेशन ट्रस्ट मामले में रिश्वत लेने का आरोप भी है. आरोप है कि मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए न्यायपालिका में शीर्ष पदों पर बैठे लोगों को रिश्वत दिया गया था.