अब डीडीए की जमीन पर चल रहे प्राइवेट स्कूल बिना सरकार की मंजूरी के फीस नहीं बढ़ा सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए यह फैसला दिया है. प्राइवेट स्कूलों ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इससे पूर्व स्कूलों ने दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट का हवाला देते हुए कहा था कि स्कूलों को अपनी फीस बढ़ाने का अधिकार है. इसके लिए उसे शिक्षा निदेशालय से इजाजत लेने की जरूरत नहीं है. यह एक पार्लियामेंट ऐक्ट है और इसमें बिना बदलाव किए यह ऑर्डर नहीं दिया जा सकता है. फिलहाल दिल्ली में 400 से अधिक स्कूल डीडीए की जमीन पर चल रहे हैं. स्कूल संगठन के प्रतिनिधियों का कहना है कि हम पहले से ही ईडब्ल्यूएस कोटे से बच्चों को एडमिशन दे रहे हैं. इसके अलावा सभी स्कूलों की मैनेजमेंट कमिटी होती है, जिसमें सरकार के दो नॉमिनी होते हैं. मैनेजमेंट कमिटी की मीटिंग में ही फीस बढ़ाए जाने पर फैसला होता है. बाद में इसे शिक्षा निदेशालय अप्रूवल देता है. जाहिर है कि फीस में बढ़ोतरी निदेशालय की इजाजत से ही होती है.
एससी का फैसला, डीडीए की जमीन पर चल रहे स्कूल नहीं ले सकते मनमानी फीस
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