कैम्ब्रिज एनालिटिका के रिटायर्ड अधिकारी डेविड वायली ने यह दावा किया है कि कंपनी के पास भारत के 600 जिले और 7 लाख गांवों का डाटा है. उन्होंने इससे संबंधित एक लिस्ट भी साझा की है. इसमें जाति आधारित डेटा भी शामिल है. इस डेटा को अलग-अलग समय में कई राजनीतिक पार्टियों को बेचा गया. पार्टियों को मनमुताबिक फायदा उठाने के लिए डेटा देकर अप्रत्यक्ष तौर पर चुनाव को प्रभावित किया जाता था.

इस कंपनी ने लोकसभा चुनाव में भी राजनीतिक दलों को डेटा उपलब्ध कराया था. इतना ही नहीं, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, दिल्ली और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भी कंपनी ने पार्टियों को डेटा बेचा था.   वायली ने इस दौरान जनता दल यूनाइटेड का भी नाम लिया, जिसे बिहार विधानसभा चुनाव 2010 में डेटा बेचा गया था.

कैम्ब्रिज एनालिटिका की भारत में सहयोगी एससीएल थी. वायली ने दावा किया है कि एससीएल के पास भारत के 600 शहरों और सात लाख गांवों का डाटा मौजूद है. इस डेटा को लगातार अपडेट भी किया जाता है. डाटा में लोगों के परिवारों की स्थिति और जातिगत जानकारी भी शामिल होती थी.

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