पिछले तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश से यमुना उफान पर है. हरियाणा के यमुनानगर स्थित हथनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने और पहाड़ी राज्यों में बारिश के चलते दिल्ली में है. जिसके बाद दिल्ली सरकार ने यमुना के किनारे निचले इलाकों में रह रहे लोगों को अलर्ट जारी कर दिया है.
बता दें कि यमुना में जल स्तर 204.83 मीटर के ऊपर जाते ही खतरा बढ़ जाता है. गौरतलब है कि बीते 40 साल में यमुना 1967, 1971, 1975, 1976, 1978, 1988, 1995 और 2013 में खतरे के निशान को पार कर चुकी है. बताया जा रहा है कि यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई, तो इससे सटे इलाके डूब सकते हैं. दिल्ली सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने निचले इलाकों में रह रहे 100 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी कर ली है. इसके लिए 43 नाव मंगाई गईं हैं.
ईस्ट दिल्ली जिलाधिकारी महेश ने बताया कि हमने जून महीने से ही इस स्थिति से निबटने की तैयारी शुरू कर दी थी. इसके लिए हमने उत्तरी दिल्ली जिला में एक कंट्रोल रूम तैयार किया है, जो अक्टूबर तक काम करेगा. डिप्टी कमिश्नर और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट राहत व बचाव कार्य के इंतजामात देख रहे हैं.
यमुना के साथ-साथ गंगा में जलस्तर बढ़ने से गंगा किनारे बसे खादर क्षेत्र के दर्जनों गांवों के निवासियों में बाढ़ आने की आशंका के कारण दहशत है. यहां के दर्जनों गांवों को प्रत्येक वर्ष बाढ़ का कहर झेलना पड़ता है. इस कारण इन गांवों के निवासियों को बरसात के मौसम में गंगा का जल स्तर बढ़ने से चिंता होने लगती हैं.
बाढ़ से किसानों की हजारों एकड़ फसल तबाह हो जाती है. पशु आदि भी बह जाते हैं. अनाज एवं अन्य कीमती सामान नष्ट हो जाता है. प्रशासन का कहना है कि अभी बाढ़ के हालात नहीं है, लेकिन सभी को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं.