साइकल चुनाव चिह्न की मांग को लेकर मुलायम सिंह चुनाव आयोग पहुंचे. इससे पहले अखिलेश यादव ने 200 से अधिक विधायकों, 15 सांसदों और कार्यसमिति के सदस्यों का समर्थन पत्र चुनाव आयोग को सौंपा था. इस बीच मुलायम ने एक बयान जारी कर कहा कि अखिलेश सिर्फ सीएम हैं, जबकि पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष मैं और शिवपाल प्रदेश अध्यक्ष हैं. रामगोपाल ने आपातकालीन अधिवेशन बुलाकर अखिलेश को राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित करा दिया था. इस अधिवेशन को मुलायम सिंह ने अवैध करार दिया था.
बहुमत के पास होगी साइकल
वहीं, रामगोपाल ने कहा है कि साइकल उसकी होगी, जिसके पास बहुमत होगा. बहुमत अखिलेश के साथ है, इसलिए साइकल उन्हीं की है. वहीं, अमर सिंह ने चुनाव आयोग को सौंपे गए हलफनामे को फर्जी करार दिया है.
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साइकल का कांग्रेस कनेक्शन
कांग्रेस चाहती है कि अखिलेश धड़े के पास ही चुनाव चिह्न साइकल रहे. कांग्रेस के दिग्गज नेता सपा के चुनावी सिंबल को लेकर परेशान हैं. उन्हें लगता है कि अगर अखिलेश को साइकल सिंबल नहीं मिलता है, तो इसका चुनाव में गठबंधन पर असर पड़ेगा. कांगे्रस का मानना है कि अगर अखिलेश को नया सिंबल मिला, तो वोटर्स तक इसके जरिए पहुंच बना पाना मुश्किल होगा. यही कारण है कि कांग्रेस यह चाहती है कि अगर साइकल अखिलेश को नहीं मिलती है, तो यह मुलायम सिंह को भी न मिल पाए. यही कारण है कि अखिलेश चुनाव में विकास के एजेंडे के साथ आगे बढ़ रहे हैं. वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा है कि उनकी पार्टी सूबे की सभी 403 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी में जुटी है.
अमर को मिली जेड सुरक्षा
इस बीच, केंद्र सरकार ने अमर सिंह को जेड श्रेणी की सुरक्षा दी है. शुक्रवार रात को इस संबंध में गृह मंत्रालय ने अध्यादेश जारी किया था. वहीं, सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि अमर सिंह को बीजेपी का एजेंट होने का इनाम दिया गया है.