नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा सरकार की तरफ से बड़े-बड़े चुनावी वादे किए गये थे. भाजपा सरकार ने चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर भी जमकर आरोप लगाते हुए कहा था कि अखिलेश सरकार में अपराध बेलगाम हो गया है. लेकिन जब से यूपी में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने हैं तब से अब तक अपराधियों के हौसले और भी बुलंद हो गये हैं. जी हाँ पिछले दो महीनों में अपराध पर लगाम नहीं लग पाई है. अब तो आलम ये हैं कि हिंसा और बलात्कार की घटनाएं आम हो गयी हैं.
यूपी में नई सरकार बनते ही प्रदेश की जनता ने उम्मीद लगाईं थी कि अब प्रदेश में जुर्म पर लगाम लगेगी और क़ानून व्यवस्था भी चाक चौबंद हो जाएगी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. बल्कि सरकार बनने के दो महीने बाद भी अपराधियों में पुलिस और प्रशासन का कोई डर नहीं है और इसका उदाहरण लगातार मिल रहा है फिर चाहे वो मथुरा का सर्राफ लूट काण्ड हो या फिर सहारनपुर में हुई हिंसा।
योगी आदित्यनाथ ने यूपी का मुख्यमंत्री बनते ही सबसे पहले महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वाड का गठन किया था लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद एंटी रोमियो स्क्वाड का कोई अता-पता नहीं है. अब तो आलम ये है की लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा भगवान भरोसे चल रही है.
गोंडा में रविवार को कानून-व्यवस्था की समीक्षा करने आए सीएम योगी आदित्यनाथ के जाने के महज दो घंटे के बाद ही शहर में पुलिस चौकी से 200 मीटर की दूरी पर दो लोगों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया गया. इसमें एक शख्स की मौत हो गई. इतना ही नहीं कानपुर में थाने के गेट के सामने ही एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई.
यूपी सरकार के आंकड़े बताते हैं कि नई सरकार के बनने के बाद महज डेढ़ महीने में पिछले 2 वर्षों की तुलना में जुर्म में 27 फीसदी का इजाफा हुआ है. सबसे ज्यादा बढ़ोतरी लूट और रेप की घटनाओं में हुई है. ये आंकड़े 16 मार्च से 30 अप्रैल के बीच के हैं. इस पर गौर करें तो 2016 में डकैती की घटनाएं 27 थी, जबकि 2017 में 47 हो गई. 2016 में रेप के 440 केस दर्ज हुए, तो 2017 में 603 केस दर्ज हुए हैं. कुल अपराध की बात करें तो 2016 में कुल 32954 केस दर्ज हुए, 2017 में 42444 केस सामने आए.
जेवर-बुलंदशहर हाईवे पर हुए लूट, हत्या और कथित गैंगरेप का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि रामपुर में दो महिलाओं के साथ सरेआम हुए छेड़छाड़ का वीडियो वायरल होने के बाद सूबे में सनसनी मच गई है. एक महिला को गोद में उठाकर उसके कपड़े फाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. उनका पीछा करते हुए मजाक उड़ा रहे हैं.
इन आंकड़ों के सबके सामने आने के बाद सवाल ये उठ रहा है कि क्या योगी सरकार के वो वादे महज एक दिखावा था क्योंकि मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी ने जो तेज़ी दिखाई थी अब लोगों को वो तेज़ी दिखाई नहीं दे रही है. जिससे सरकार के कामकाज पर सवाल उठाना लाज़मी है. फिलहाल सूबे में जुर्म अपने चरम पर है और मुख्यमंत्री जी पर सवाल उठने शुरू हो गये हैं.