आखिरकार कैप्टन और सिद्धू की मुलाकात हो ही गई। पंजाब भवन में चाय प्रोग्राम पर दोनों दिग्गज नेता साथ नजर आए। पटियाला से निकलकर चंडीगढ़ पहुंचे सिद्धू पहले कैप्टन के चाय प्रोग्राम के लिए पंजाब भवन पहुंचे। उनके आने के बाद वहां कैप्टन अमरिंदर सिंह भी पहुंचे। लेकिन कैप्टन के आते ही उनसे मिले बिना सिद्धू कांग्रेस भवन के लिए निकल गए। सिद्धू अभी कुछ दूर ही गए थे कि फिर वापस पंजाब भवन आ गए। यहां कैप्टन ने सभी विधायकों, सांसदों और बड़े कार्यकर्ताओं को चाय पर आमंत्रित किया था।
हालांकि सिद्धू ने अब तक कैप्टन की मांग के अनुसार उनसे माफी नहीं मांगी है। लेकिन माना जा रहा है कि पार्टी आलाकमान के निर्देश के बाद कैप्टन इस समारोह का हिस्सा बनने को तैयार हुए हैं।
सिद्धू के अलावा पंजाब कांग्रेस के कार्यकारी प्रधान कुलजीत सिंह नागरा, सुखविंदर सिंह डैनी, संगत सिंह गिलजियां और पवन गर्ग भी अपना पदभार संभालेंगे। समारोह में पंजाब प्रभारी हरीश रावत समेत सुनील जाखड़ और पार्टी के सभी विधायकों, मंत्रियों व सांसद भी मौजूद रहेंगे।
कांग्रेस भवन में भव्य आयोजन
पंजाब प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू आज पदभार संभालने जा रहे हैं। उनकी ताजपोशी चंडीगढ़ में सेक्टर 15 स्थित कांग्रेस भवन में होगी। सिद्धू के साथ 4 कार्यकारी अध्यक्ष संगत सिंह गिलजियां, सुखविंदर सिंह डैनी, पवन गोयल और कुलजीत सिंह नागरा भी अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे।
सिद्धू जब तक माफी नहीं मांगते, व्यक्तिगत तौर पर नहीं मिलूंगा
CMO के सूत्रों के अनुसार, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी के सीनियर नेताओं की बैठक में साफ कहा कि जब तक सिद्धू माफी नहीं मांगते, तब तक निजी तौर पर वे उनसे मुलाकात नहीं करेंगे। ताजपोशी पार्टी का कार्यक्रम है। मैं कांग्रेसी हूं, इसलिए जाऊंगा। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैप्टन और सिद्धू के बीच में छिड़ी जंग के दूर होने के आसार तो दिखाई दे रहे हैं, लेकिन कैप्टन माफी मंगवाने पर अड़े हैं। बता दें कि गुरुवार को नए कार्यकारी अध्यक्ष कुलजीत नागरा और संगत सिंह गिलजियां ने कैप्टन से मिलकर उन्हें कार्यक्रम का औपचारिक निमंत्रण पत्र दिया था। इस पत्र पर चारों कार्यकारी अध्यक्षों के अलावा नवजोत सिंह सिद्धू के भी हस्ताक्षर थे।
सिद्धू ने दरकिनार किए हाईकमान के पहले आदेश
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की ताजपोशी होने से पहले ही हाईकमान के आदेशों को नवजोत सिद्धू ने दरकिनार कर दिया। गुरुवार को सभी राज्यों में कांग्रेस की ओर से पैगासस जासूसी मामले में राज्यपालों को ज्ञापन देने के लिए प्रदर्शन करना था, लेकिन पंजाब में कोई प्रदर्शन नहीं किया गया। बताया जाता है कि सिद्धू ने व्यस्तता का हवाला देकर प्रदर्शन करने में असर्मथता जताई।