अमेरीका मे एक कैदी को जब फांसी की सजा सुनाई ,तब वहा के कुछ वैज्ञानिको ने विचार किया की इस कैदी पर कुछ प्रयोग किये जाये ..
तब उस कैदी तो बोला गया कि उसे विषधर कोबरा से डसवा कर मारेंगे…
उसके सामने एक बड़ा विषधर सांप लाया तथा कैदी की आँखो पर पट्टी बांध कर कुर्सी पर बाँध दिया गया
उसे साँप से ना डसवा कर सेफ्टी पिन चुभाई गई।
आश्चर्य की कैदी की २ सेकंड मे मौत हो गई
पोस्टमार्टम रिपोर्ट मे कैदी के शरीर मे
“व्हेनम सदु्श्यम” विष मिला ।
ये विष कहाँ से आया जिससे कैदी की मृत्यु हुई ?
ये विष कैदी के शरीर मे मानसिक धक्के की वजह से उस ने ही उत्पन्न किया था।
तात्पर्य ये है कि हमारी अपनी मानसिक स्थिति के अनुसार Positive अथवा Negative
एनर्जी उत्पन्न होती है तद्नुसार ही हमारे शरीर मे HORMONES पैदा होते है ।
90% बीमारी का मुल कारण
नकारात्मक विचार उर्जा का उत्पन्न होना है
आज मनुष्य गलत विचारो का भस्मासुर बना कर खुद का विनाश कर रहा है
मेरे मतानुसार करोना को मन से ना लगाओ, 5 वर्ष से लेकर 100 वर्ष तक के लोग भी ठीक हो गये है ।
आकड़ो पर ना जावे ,आधे से ज्यादा लोग व्यवस्थित है
मृत्यु पाने वाले केवल कोरोना की वजह से नही बल्कि उन्हे अन्य बीमारीया भी थी, जिसका मुकाबला वे कर नही सके ।
ये याद रखे कोरोना की वजह से कोई भी घर पर नही मरा सबकी मृत्यु अस्पताल मे ही हुई
कारण अस्पताल का वातावरण एवं मन का भय ।
अपने विचार सकारात्मक रखे ओर आनंद से रहे।
कोरोना से जुड़ीं सारी सावधानियों का ख्याल रखें, अच्छा खाएं, समय पर सोएं, व्यायाम कीजिए और प्रभु में आस्था रखिए।
इस पोस्ट लेख को पढ़ के ही विचार करें कि किस प्रकार हम सभी को आये इस जानलेवा महामारी से मुकाबला करना है और भगवान की कृपा से उनके शरण ही रहविश्वास रखें कि इस संकट से मुक्ति मिलेगी !