RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) द्वारा राहुल गांधी को न्यौता दिए जाने की संभावना से जुड़ी खबरों पर कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि जब निमंत्रण मिलेगा तो ‘सोच-समझकर’ जवाब दिया जाएगा. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “अभी हमें कोई निमंत्रण मिला नहीं है. जब निमंत्रण नहीं मिला है तो मैं किसी काल्पनिक चीज पर टिप्पणी नहीं करने वाला हूं, जब मिलेगा तो सोच-समझ कर उसके बारे में उत्तर भी दिया जाएगा और मीडिया को भी जानकारी दे दी जाएगी.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मंच कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों के लिए हमेशा से विवादों में रहा है. पिछले दिनों पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के नागपुर में RSS के कार्यक्रम में जाने को लेकर कांग्रेस पार्टी के नेताओं की अलग-अलग राय सामने आई थी. अब RSS राहुल गांधी को बुलाने पर विचार कर ही रहा है, लेकिन इसकी चर्चा से ही कांग्रेस में सुगबुगाहट शुरू हो गई है.
गौरतलब है कि दिल्ली के विज्ञान भवन में 17 से 19 सितंबर तक चलने वाले कार्यक्रम में RSS प्रमुख मोहन भागवत ‘प्रबुद्ध लोगों’ से संवाद करने वाले हैं. देश का प्रबुद्ध वर्ग राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर संघ का दृष्टिकोण जानने को उत्सुक है, इसलिए समसामयिक मुद्दों पर संघ के विचार मोहन भागवत सबके सामने रखेंगे. हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लंदन में आयोजित एक कार्यक्रम में RSS की तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड से करते हुए कहा था कि RSS भारत के हर संस्थान पर कब्जा कर देश के स्वरूप को ही बदलना चाहता है.
इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए इनमें से किसी भी दिन राहुल गांधी को आमंत्रित किया जा सकता है. वैसे 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है. इसलिए सूत्रों के मुताबिक इस बात की प्रबल संभावना है कि उनको उसी दिन के लिए आमंत्रण भेजा जा सकता है. राहुल के अलावा कई दलों के प्रमुखों को बुलावा भेजा जाएगा. सीताराम येचुरी जैसे लेफ्ट नेता को भी आमंत्रित किया जा सकता है.
राहुल गांधी को निमंत्रण भेजे जाने की बात को संघ का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि संघ का आमंत्रण स्वीकार अथवा अस्वीकार करना राहुल गांधी के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि प्रणब मुखर्जी समेत कई सियासी दिग्गज अतीत में संघ के कार्यक्रमों में शिरकत कर चुके हैं.