विधानसभा चुनाव से चार महीने पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए एन बिरेन सिंह ने आज मणिपुर के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. सोमवार को हुई भाजपा विधायक दल की मैराथन बैठक के बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने संवाददाताओं को बताया था कि विधायक दल के नेता के रूप में विश्‍वजीत ने बिरने सिंह के नाम का प्रस्ताव किया और अन्य विधायकों ने उसका समर्थन किया. विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद बिरेन सिंह ने राज्यपाल नजमा हेप्तुल्ला से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था.  इसके बाद राज्यपाल ने इन्हें सरकार बनाने का न्योता दिया था.

मणिपुर में जमीन विहीन भाजपा ने बिरेन सिंह के चेहरे को आगे कर के चुनाव लड़ा था. बिरेन सिंह राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल खिलाड़ी रह चुके हैं. वे पहली बार 2002 में डेमोक्रेटिक रिवॉल्यूशनरी पीपुल्स पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए थे. फिर बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए. मई 2003 और 2007 में बिरेन सिंह कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रहे. 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की, लेकिन तब उन्हें इबोबी सरकार में कोई मंत्रालय नहीं दिया गया.

इसके बाद पार्टी के अंदर भी कई गतिविधियों पर उनका इबोबी सिंह से मतभेद था. इन्हीं सब के बीच बिरेन सिंह ने अक्टूबर, 2016 में मुख्यमंत्री इबोबी सिंह के खिलाफ ही पार्टी में विद्रोह का बिगूल फूंक दिया. इसके बाद उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया और फिर 17 अक्टूबर, 2016 को भाजपा का दामन थाम लिया. भाजपा ने भी उन्हें सर आंखो पर बिठाया और तुरंत ही पार्टी का प्रवक्ता व प्रदेश इकाई की चुनाव प्रबंधन समिति का सह-संयोजक बना दिया. चुनावी राजनीति के लिहाज से भाजपा के लिए पूरी तरह से नए इस राज्य में पार्टी के लिए जमीन बनाने के महत्वपूर्ण काम बिरेन सिंह ने ही किया.

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