मुख्य बातें….

  1. कांग्रेस ने मानवेंद्र सिंह को वसुंधरा के खिलाफ उतारा.
  2. मानवेंद्र ने कहा, ये हमारे स्वाभिमान की लड़ाई.

इस बार राजस्थान विधानसभा चुनाव का सियासी समीकरण कुछ दिलचस्प होने जा रहा है. क्या करें, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का फैसला ही कुछ ऐसा आ रहा है. बता दें कि कांग्रेस ने राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनाव में प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह को सियासी रण में उतारा है.

कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की ओर से ये फैसला आया है. वहीं, मानवेंद्र सिंह पार्टी के इस फैसले को लेकर पार्टी का सुकरिया अदा किया और कहा कि पार्टी ने मुझपर इतना बड़ा दांव खेला है, इसके लिए मैं पार्टी का शुक्रगुजार हूं. इसके साथ ही उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि भाईओ ये हमारे स्वाभिमान की लड़ाई है और हमें इस पर किसी भी कीमत पर फतह पाना है.

बता दें कि ये वहीं, मानवेंद्र सिंह हैं, जिनका बीजेपी पार्टी से खानदानी रिश्ता रहा है. इनके पिता जसवंत सिंह अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं, लेकिन पार्टी और इनके बीच में रार का आगाज जब हुआ, जब पार्टी ने इनके पिता जसवंत सिंह को गत 2014 के लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया. जिसको लेकर जसवंत सिंह ने अपनी खिन्नता को कुछ इस तरह से जाहिर किया वे 2014 के लोकसभा चुनाव को निर्दलिय ही लड़े, लेकिन उनका दुर्भाग्य रहा कि वे चुनाव में फतह हासिल नहीं कर पाए और वे हार गए.

हालांकि, अभी तो जसवंत सिंह कोमा में हैं और उनके बेटे मानवेंद्र सिंह ने बीते महीने ही बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा है. जिसको लेकर सियासी प्रेक्षक इस बात का अंदाजा लगा रहे है कि बीजेपी को मानवेंद्र के जाने से सियासी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि मानवेंद्र सिंह और उनके पिता जसवंत सिंह की पकड़ क्षत्रिय मतदाताओं के मध्य पकड़ कुछ खास थी, जिसका फायदा इस आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी उठा सकती है.

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