नयी दिल्ली: 3 राज्यों में विधानसभा चुनाव में बम्पर जीत के बाद लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी को देशभर में घेरने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है. राजनीति के वर्ल्डकप का फाइनल यानी लोकसभा चुनाव जितना ना सिर्फ कांग्रेस का लक्ष्य है, बल्कि हासिये पर जा चुकी पार्टी के लिए ये खुदको साबित करने का भी एक बड़ा जरिया माना जा रहा है. इसी कड़ी में कांग्रेस ने आज झारखंड में महागठबंधन का ऐलान कर दिया. इसको लेकर राहुल गांधी के आवास पर हुई एक अहम बैठक में जेएमएम नेता हेमंत सोरेन सहित राज्य के कई प्रमुख राजनीतिज्ञ शामिल हुए.


झारखंड के कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह ने गठबंधन का ऐलान किया. बता दें कि झारखंड में कुल 14 लोकसभा सीटें हैं. गठबंधन के ऐलान के मुताबिक कांग्रेस 7, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) 4, झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) 2 और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) एक सीट पर चुनाव लड़ेगी. आपको बता दें कि हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और राज्य के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी की जेवीएम का राज्य में बड़ा आधार है. यही कारण है कि कांग्रेस इन दोनों पार्टियों को अपने साथ लाकर बीजेपी को घेरना चाहती है. गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में झारखंड में भारतीय जनता पार्टी को मोदी लहर का फायदा मिला था. यहां की 14 सीटों में से बीजेपी ने 12 अपने नाम की थीं, जबकि बाकी दो सीटों में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कब्जा जमाया था.

कांग्रेस इससे पहले बिहार में भी महागठबंधन का ऐलान कर चुकी है. जहां पर कांग्रेस के अलावा लालू यादव की राजद, जीतन राम मांझी की HAM और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टियां एक साथ आकर भारतीय जनता पार्टी और जेडीयू का मुकाबला करेंगी. 2019 के चुनाव से पहले छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बीजेपी को मात देने के बाद कांग्रेस के हौसले बुलंदी पर हैं. ऐसे में नए साथियों को साथ लाकर कांग्रेस ने 2019 की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया. कांग्रेस के अब तक के लिए गए निर्णय से ये साबित होता है कि सियासत का सेमीफायनल (यानी 2018 में हुआ 5 राज्यों का विधानसभा चुनाव) जीतने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष के हौसले बुलंद है.

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