-पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय और विधायक आरिफ मसूद ने दिया पीएस और डीजीपी को ज्ञापन
भोपाल। मंदसौर, उज्जैन, इंदौर समेत प्रदेश भर में हो रही घटनाओं में शासन की तरफ से एक पक्षीय और भेदभावपूर्ण कार्यवाही की जा रही है। एक धर्म विशेष को लक्ष्य बनाकर की जा रही कार्यवाही के दौरान हुड़दंगियों और वैमनस्यता फैलाने वालों को खुली छूट दे दी गई है। प्रशासन का यही नजरिया बना रहा तो शांति का टापू कहलाने वाले मप्र में हालात खराब हो सकते हैं। जिसका खामियाजा बेकुसूर लोगों को उठाना पड़ रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ये बात प्रमुख सचिव और डीजीपी से मुलाकात के दौरान कहीं। वे शुक्रवार को प्रदेशभर में हो रही घटनाओं के विरोध में ज्ञापन देने पहुंचे थे। इस दौरान उनके साथ विधायक आरिफ मसूद, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ अध्यक्ष एडवोकेट मुजीब कुरैशी, इंदौर शहर काजी अबू रेहान साहब, उज्जैन ईमाम मौलाना तैयब और हाफिज अय्यूब के अलावा प्रदेशभर से आए लोग मौजूद थे। इस मौके पर विधायक आरिफ अकील ने कहा कि उज्जैन में हुई घटना के बाद उन्होंने प्रशासन को आगाह किया था कि ऐसे मामलों में की जा रही एक पक्षीय कार्यवाहियों को रोका जाए, लेकिन तत्काल ऐसे मामलों पर नियंत्रण नहीं किया गया, जिसके चलते हालात फैलते हुए अन्य शहरों तक पहुंच गए। इंदौर के गौतमपुरा और मंदसौर में हुए मामले इसका उदाहरण हैं। मसूद ने कहा कि धार्मिक उन्माद फैलाने वालों को रैलियां निकालने, भड़काऊ नारेबाजी करने और अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों पर हुडदंग मचाने की इजाजत क्यों दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जब हालात बिगड़े हुए हैं तो ऐसी रैलियों को विपरीत विचारधाराओं वाले इलाकों मेंं जाने के लिए अनुमति ही नहीं दी जाना चाहिए। विधायक मसूद ने कहा कि मुस्लिम हर धर्म के धर्मालयों का सम्मान करता है और उसकी रक्षा के लिए भी सबसे आगे रहता है, इसके कई उदाहरण मौजूद हैं। राम मंदिर निर्माण के लिए भी चंदा देने की पहल मुस्लिम समाज कर चुका है, लेकिन जो मुस्लिम क्षेत्रों में जुलूस और रैलियां लेकर पहुंच रहे हैं, उनका मकसद महज चंदा उगाई करना नहीं है, बल्कि वे उन्माद फैलाने की नीयत से ही बाहर निकले हैं और इसी काम को आगे बढ़ा रहे हैं। कथित तौर पर खुद को हिन्दू रक्षक कहने वाले यह लोग न धर्म के प्रति वफादार हैं और न ही समाज के लिए उत्तरदायी। मसूद ने कहा कि भाजपा सरकार ऐसे लोगों को संरक्षण देकर प्रदेश का माहौल खराब करने की खुली छूट दे रही है। इस मौके पर अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट मुजीब कुरैशी ने कहा कि किसी भी घटना की पहले जांच की जाना चाहिए, उसके बाद किसी के लिए सजा का प्रावधान किया जाना चाहिए, लेकिन प्रदेश सरकार ने सरकारी लोगों को खुली छूट दे दी है कि किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोई भी कार्यवाही कर दे। उन्होंने कहा कि मंदसौर, उज्जैन और इंदौर के ग्रामीण क्षेत्रों में जो मामले हुए हैं, उनमें पूरी तरह एक पक्षीय कार्यवाही की गई है। इस दौरान सुबूतों और गवाहों को भी दरकिनार किया गया है।
—————————-
खान अशु