भोपाल। प्रदेश में बढ़ती मॉबलिचिंग की घटनाओं के विरोध में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद काले कपड़े पहन कर मंगलवार को मिंटो हॉल परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे। मसूद ने राज्यपाल से प्रदेश में मॉबलिचिंग की घटनाओं में नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) लगाने और सीबीआई से मामले की जांच कराने की मांग की। उनके साथ पीड़ित देवास के हाटपिपल्या से जाहिद मंसूरी और उज्जैन के महीदपुर से राशीद मौजूद थे।

विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। मंत्रियों के गैर जिम्मेदाराना बयानों से अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं, जिससे अपराधियों के दिल से पुलिस प्रशासन का भय कम हो रहा है।
उन्होंने कहा कि जहां शासन के मंत्री व प्रवक्ताओं को आगे बढ़कर प्रदेश की जनता को आश्वस्त करना चाहिए था कि मध्यप्रदेश में साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी ना कि घटना में शामिल आरोपियों का पक्ष लेना चाहिए था। इतने अल्प समय अंतराल में मध्यप्रदेश में बार-बार मॉबलिंचिंग की घटनाओं की पुनरावृत्ति होना राज्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है। उन्होंने इस संबंध में राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया और कार्रवाई की मांग की।

विधायक ने कहा कि इंदौर में एक चूड़ी बेचने वाले युवक के साथ भी इसी प्रकार मारपीट की घटना को अंजाम देने वालों के विरूद्ध यदि शासन समय रहते कड़ी कार्यवाही कर देता और शासन के मंत्री सोशल मीडिया के माध्यम से मारपीट करने वालों का हौसला नहीं बढ़ाते तो शायद नेमावर में दलित परिवार की हत्या, इंदौर में चूड़ी वाले से मारपीट, नीमच में आदिवासी की हत्या, उज्जैन एवं रीवा में मॉबलिंचिंग जैसी घटना घटित नहीं होती।

विधायक ने कहा कि 28 अगस्त को नीमच के सिंगोली थाना क्षेत्र में एक आदिवासी युवक कन्हैया भील को वाहन से बांधकर बेरहमी से घसीटा कर उसकी हत्या कर दी गई। 26 अगस्त को देवास जिले के हाटपिपल्या में एक फेरी वाला जो फेरी कर तोस और जीरा बेचने का कार्य करता है से उसका आधार कार्ड मांगा गया, आधार कार्ड ना दिखाने पर उसके साथ कुछ व्यक्तियों द्वारा मारपीट की गई।

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